जी-20 रात्रिभोज में शामिल हुईं ममता तो कांग्रेस तिलमिलाई

जी-20 रात्रिभोज में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शामिल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। उनके साथ गठबंधन बना रही कांग्रेस ने सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को नई दिल्ली में जी-20 बैठक के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित रात्रिभोज में शामिल होने के ममता बनर्जी के फैसले पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या इससे नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ उनका रुख कमजोर नहीं होगा।

भाग लेने का कोई अन्य कारण…

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि क्या तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो का कार्यक्रम में भाग लेने का कोई अन्य कारण था। वहीं, टीएमसी ने भी पलटवार किया। कहा कि बनर्जी विपक्षी गठबंधन इंडिया के अस्तित्व में आने के लिए प्रमुख सूत्रधारों में से एक हैं और कांग्रेस नेता को प्रशासनिक दृष्टिकोण से पालन किए जाने वाले कुछ प्रोटोकॉल के बारे में उन्हें व्याख्यान देने की आवश्यकता नहीं है।

चौधरी ने पत्रकारों से कहा कि जब कई गैर-भाजपाई मुख्यमंत्रियों ने रात्रिभोज में शामिल होने से परहेज किया तो वहीं दीदी (ममता बनर्जी) एक दिन पहले ही दिल्ली चली गईं। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मौजूद थीं। उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य है कि ऐसी किस बात ने उन्हें इन नेताओं के साथ रात्रिभोज में शामिल होने के लिए दिल्ली जाने के लिए प्रेरित किया।

बता दें, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुक्रवार को दिल्ली गई थीं, जबकि अगले दिन रात्रिभोज रखा गया था। इस पर चौधरी ने पूछा कि क्या उनके इस अवसर पर शामिल होने के पीछे कोई और कारण है?

टीएमसी का पलटवार

उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए, टीएमसी के राज्यसभा सांसद शांतनु सेन ने कहा कि हर कोई जानता है कि ममता बनर्जी विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के सूत्रधारों में से एक हैं और कोई भी उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल नहीं उठा सकता ।

सेन ने कांग्रेस नेता को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि चौधरी यह तय नहीं करेंगे कि राज्य की मुख्यमंत्री प्रोटोकॉल के तहत जी-20 के अवसर पर रात्रिभोज में शामिल होने के लिए कब जाएंगी।

भाजपा का आरोप

भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि कांग्रेस और माकपा ने भाजपा के खिलाफ दिल्ली में बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी से हाथ मिलाया, जो टीएमसी के आतंक के शिकार राज्य के लोगों के साथ धोखा है।

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