फर्जी फोरेक्स केस में गिरफ्तार युवती और युवक को एसआइटी ने रिमांड पर ले लिया है। आरोपितों से 50 लाख रुपये कीमती तीन कारें जब्त कर ली है। युवती ठिकाने बदल-बदलकर पुलिस को चकमा दे रही थी। वह वॉट्सएप कॉल के जरिए दुबई में बैठे सरगना को केस के बारे में सारी जानकारियां देती थी। पुलिस उसके बैंक खातों, मोबाइल कॉल डिटेल की जांच कर रही है।
एडिशनल डीसीपी जोन-2 राजेश व्यास के मुताबिक आरोपित सोनिया सोनगरा और चेतन वर्मा करीब दो साल से प्लेटिनम ग्लोबल के संचालक अतुल नेतमराव के लिए काम कर रहा था। इसके पूर्व दोनों मल्टी लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) में काम करते थे। दिल्ली में आयोजित एक सेमिनार में अतुल से मुलाकात हुई और फोरेक्स ट्रेडिंग से जुड़ गए। अतुल निवेश की राशि का आठ प्रतिशत कमिशन देता था। सोनिया ने यह भी बताया कि चेतन के माध्यम से करीब 62 लाख रुपये अतुल के खाते में जमा करवाए हैं। इसमें ज्यादातर रकम एमएलएम से जुड़े लोगों द्वारा जमा करवाई गई है। कमिशन के लालच में चेतन ने खुद का प्लाट भी गिरवी रख दिया था।
एसीपी निहित उपाध्याय के मुताबिक सोनिया द्वारा रुपये जमा करवाने के बाद उसकी दूसरी कर्मचारी मोनिका बिष्ट आइडी व पासवर्ड जनरेट कर निवेशकों को बता देती थी, जबकि शिल्पी फर्जीवाड़ा संबंधित ट्रेनिंग देने का काम करती थी। आरोपितों ने अतुल से लाखों रुपये महीने कमिशन, विदेश दौरे और गाड़ियां उपहार में ली है। पुलिस ने सोनिया से दो और चेतन से एक कार जब्त की है। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि गिरफ्तारी के पूर्व सोनिया अतुल के संपर्क में थी और विजय नगर थाना में दर्ज प्रकरण की सारी जानकारी उसे दे रही थी। पुलिस ने अतुल के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला वह दुबई में ही है। उसकी पत्नी पारुल और भाई अरविंद कोरबा में फरारी काट रहे हैं।