राममंदिर में नयनाभिराम रामलला की प्रतिमा को काशी के ही चित्रकार डॉ. सुनील विश्वकर्मा ने आकार दिया। कागज पर उकेरी गई उनकी आकृति को योगीराज ने गढ़कर मूर्त रूप दिया। 22 जनवरी को अयोध्या में प्रतिमा स्थापित हुई तो उनकी खुशी सातवें आसमान पर थी। डॉ. सुनील का कहना है कि ये प्रभु श्रीराम की ही कृपा है जो उनकी बनाई गई आकृति को राममंदिर में जगह मिली।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ललित कला विभाग के शिक्षक डॉ. सुनील विश्वकर्मा के मुताबिक रामलला की मुख्य प्रतिमा बनाने के लिए फरवरी 2023 के दूसरे सप्ताह में श्रीरामजन्मभूमि न्यास के प्रमुख ट्रस्टी, महासचिव व अध्यक्ष और दो अन्य चयन समिति के सदस्यों की ओर से देशभर के कलाकारों से प्रभु श्रीराम की प्रतिमा के प्रारूप मांगे गए थे।
डॉ. विश्वकर्मा ने प्रभु रामचंद्र जी के बाल स्वरूप का चित्रांकन किया। डॉ. सुनील विश्वकर्मा का दावा है कि कागज पर उन्होंने रामलला की जो आकृति बनाई, न्यास ने उसे ही चुना और कर्नाटक के मूर्ति कलाकार अरुण योगिराज ने उसी आकृति को आधार बनाकर प्रतिमा गढ़ी।