हीरानगर के सैडा सोहल में दहशत फैलाने वाले आतंकी अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे। ढेर किए गए आतंकियों से अमरीकी एम4 कार्बाइन बरामद की गई है। यही नहीं इनके पास बरामद राइफल पर टेलीस्कोपिक नाइट विजन डिवाइस भी लगा हुआ था। आतंकी ने रात के अंधेरे में डीआईजी और एसएसपी के उसकी ओर बढ़ रहे काफिले को भी निशाना बनाया। निशाना इतना स्टीक था कि उसने दोनों अधिकारियों की गाड़ी में चालक को ही निशाना बनाकर गोलियां साधीं। बुलेट प्रूफ इन वाहनों में गोलियां शीशे को भेद नहीं पाईं। लेकिन सीआरपीएफ की जिप्सी में सवार एक जवान गोली की चपेट में आ गए।
खुफिया सूत्रों की मानें तो मारा गया आतंकी स्नाइपर था और अपने हथियार से उसने दूर से ही अंधेरे में निशाना साधा। मारे गए आतंकी से बरामद एम4 कार्बाइन के साथ नाइट विजन टेलीस्कोप और उसके निशाने के अंदाजे ने साफ कर दिया कि आतंकी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। शिवखोड़ी के दर्शन कर लौट रहे भक्तों की बस पर हुए आतंकी हमले में भी दहशतगर्दों ने पहले चालक को ही निशाना बनाया था। जम्मू-पठानकोट नेशनल हाईवे के पास लगातार इन आतंकियों की रही मौजूदगी किसी बड़ी साजिश की तरफ इशारा कर रहा है।विज्ञापन
![Kathua Terror Attack : स्नाइपर था मुठभेड़ में मारा गया दूसरा आतंकी, अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे दहशतगर्द jammu kathua terror attack The terrorists of Hiranagar were equipped with modern weapons.](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2024/06/10/jammu-kashmir-security-forces-army-encounter-police_97634b7b6d664a59d08ff0f6fb83b6e4.jpeg?w=414&dpr=1.0)
बड़ी तैयारी से आये थे आतंकी
सैडा सोहल में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से भारी संख्या में हथियार बरामद किए हैं। इससे यह साबित होता है कि दहशतगर्द लंबे समय तक हमले जारी रखने के मंसूबे बनाकर आए थे। मारे गए आतंकियों से तीन लोडेड मैगजीन, 24 कारतूस के साथ एक मैगजीन, लिफाफे में रखे 75 कारतूस, तीन ग्रेनेड और एक लाख रुपये की नकदी बरामद हुई है।
एक आतंकी के बैग से पाकिस्तान में निर्मित चॉकलेट, सूखे चने, मेवे और बासी रोटियाें के साथ भारी मात्रा में खाने-पीने का सामान बरामद हुआ है। इसके साथ ही पेन किलर दवाएं, सिरिंज, बैटरी के दो पैक, टेप में लिपटा हैंडसेट और दो बिजली के तार भी मिले हैं। साफ है कि घुसपैठ के बाद आतंकी इलाके में रहने या फिर पहाड़ी इलाकों में पैदल चलने के लिए खाने-पीने के सामान से लेकर नकदी भी साथ लाए थे।