कुवैत की बिल्डिंग में लगी भयानक आग में मरने वाले भारतीयों में पंजाब के होशियारपुर जिले के गांव कक्कों के 63 वर्षीय हिम्मत राय भी शामिल हैं। हिम्मत राय अपने परिवार में अकेले कमाने वाले थे। उनकी मौत के बाद परिवार और गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
मृतक की पत्नी सरबजीत कौर ने बताया कि उनके पति 25 साल से अधिक समय से कुवैत में काम कर रहे थे और परिवार अच्छे से गुजर-बसर कर रहा था। हिम्मत राय का एक बेटा और दो बेटियां हैं। बेटा अभी 10वीं कक्षा में पढ़ रहा है और बेटियों की शादी हो चुकी है।
मृतक के दामाद गुरप्रीत सिंह ने बताया कि उनके ससुर हिम्मत राय की मौत की सूचना उन्हें कल होशियारपुर के तहसीलदार ने ही दी थी, लेकिन प्रशासन या सरकार की ओर से कोई भी प्रतिनिधि उनके पास नहीं पहुंचा। उन्होंने मांग की कि हिम्मत राय परिवार में अकेले कमाने वाले थे और अब उनके बेटे अर्शदीप का भविष्य अंधकारमय नहीं होना चाहिए, इसलिए सरकार को उनका हाथ पकड़ना चाहिए और उनकी आर्थिक मदद करनी चाहिए।
कक्कों निवासी जोगिंदर सिंह ने कहा कि एक तरफ पंजाब सरकार दावा कर रही है कि विदेशों से गोरे लोग व्यापार के लिए पंजाब आएंगे, लेकिन कब आएंगे यह पता नहीं। विदेशों में अपने परिवारों का भविष्य उज्जवल कर रहे पंजाबियों की हादसों में मौत के बाद शव ही पंजाब पहुंच रहे हैं। उन्होंने सरकार से मृतक हिम्मत राय के परिजनों की आर्थिक मदद करने और उनका शव भारत लाने की मांग की है।