लोकसभा चुनाव के नतीजों ने एमवीए में भरा जोश, विधानसभा चुनाव साथ लड़ने का ऐलान

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (शिवसेना यूबीटी-एनसीपी पवार और कांग्रेस) ने विधानसभा चुनाव साथ लड़ने का फैसला किया है. शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए महाविकास अघाड़ी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इसका ऐलान किया. महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेता और पूर्व सीएम पृथ्वीराज चौहान ने कहा कि विधानसभा चुनाव को लेकर हमारी पहली बैठक हुई. इस बैठक में हमने फैसला लिया है कि राज्य का आगामी विधानसभा चुनाव भी हम सभी एक साथ मिलकर लड़ेंगे.

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में देश का लोकतंत्र बचाने के लिए राज्य के लोगों ने वोट किया. राज्य की जनता का लोकतंत्र बचाने में अहम भूमिका रही है. राज्य के किसानों ने भी सरकार को संदेश दे दिया है. महायुति का धार्मिक ध्रुवीकरण भी काम नहीं आया. आने वाले दिनों में विधानसभा का चुनाव होना है. बीएमसी और महाराष्ट्र के तमाम शहरों के म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन चुनाव होने है. जनता ने जागरूक होकर वोट किया. हमारे बीचे में कोई छोटा या बड़ा भाई नहीं है. हम सब बैठक चर्चा करेंगे.

उद्धव बोले- चुनाव में जनता ने बीजेपी को जवाब दिया

वहीं, शिवसेना यूबीटी के मुखिया उद्धव ठाकरे ने लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य की जनता ने बीजेपी को जवाब दिया है. यह लड़ाई लोकतंत्र और संविधान बचाने की थी. यह विजय हमारी अंतिम नहीं, बल्कि अभी लड़ाई शुरू हुई है. आने वाले दिनों में विधानसभा का चुनाव होना है. विधानसभा चुनाव हम सभी एक साथ लड़ेंगे. चुनाव आयोग ने पार्टी के चुनाव चिन्ह को लेकर क्या किया सबके सामने है. हमने सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी है. हमें न्याय की उम्मीद है.

‘मोदी की गारंटी का क्या हुआ?’

ठाकरे ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि चुनाव में नकली सेना, नकली संतान, मंगलसूत्र बचाना यह सब क्या सही नैरेटिव था. 400 पार का नारा तो बीजेपी ने ही दिया था. अच्छे दिन के नैरेटिव का क्या हुआ, मोदी की गारंटी का क्या हुआ, अकाउंट में 15 लाख रुपए आएंगे बीजेपी का यह नैरेटिव नहीं था क्या? महाराष्ट्र और मुंबई के मराठी लोग राज्य को लूटने वाले को वोट नहीं देंगे. देवेंद्र फडणवीस ने हमे जो कहा था कि उनकी सरकार रिक्शे के तीन पहिए की तरह है, अभी केंद्र की बीजेपी सरकार की भी हालत ऐसी है.

मोदी पर लोगों का भरोसा कम हुआ: उद्धव

उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री का पद देश की जनता ने दिया था. अब एनडीए के कारण बने हैं. इस बार के चुनावी नतीजे से साफ हुआ है कि मोदी पर लोगों का भरोसा कम हुआ है. मैं 22 जनवरी को नासिक के कालाराम मंदिर गया था, जहां-जहां प्रभु राम का वास्तव्य रहा है, वहां-वहां बीजेपी हारी है. वहीं, एनडीए में जाने के सवाल पर उद्धव ने कहा कि मुझे अगर जाना भी हो तो क्या इनके साथ बैठकर तो जाऊंगा नहीं.

शिंदे और उनके साथी को लेकर किए गए सवाल पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि जो लोग छोड़कर गए हैं उन्हें वापस नहीं लेंगे. वहीं, शरद पवार ने भी कहा कि छोड़कर गए लोगों को वापस लेने का सवाल ही नहीं होता है. देश में जाति आधारित जनगणना की आवश्यकता है.

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