नीतीश कुमार सरकार ने बताया छह पुलों के गिरने का कारण; किसे बताया जिम्मेदार

दो दिन के अंदर सारण और सीवान एक-एक कर छह पुल ढहने के मामले को बिहार सरकार ने गंभीरता से लिया है। जल संसाधन विभाग की ओर से कहा गया है कि तीन और चार जुलाई को सीवान और सारण में छाड़ी और गंडक नदी में छह पुल-पुलिया ध्वस्त हो गए। सीएम नीतीश कुमार के निर्देश पर गोपालगंज, सिवान एवं सारण जिलों से प्रवाहित होने वाले छाड़ी व गंडकी नदी के प्रवाह को अविरल बनाने के साथ-साथ नदी जोड़ योजना एवं जल-जीवन-हरियाली अभियान के संयुक्त उद्देश्य से जल संसाधन विभाग के द्वारा गंडक अकाली नाला (छाड़ी)-गंडकी-माही-गंगा नदी जोड़ योजना का कार्यान्वयन कराया जा रहा है। गंडक नदी के अधिशेष जल को छाड़ी नदी, गंडकी नदी, माही (डबरा) नदी के माध्यम से गंगा नदी में प्रवाहित किया जाना है।

पुल-पुलिया को सुरक्षित रखे जाने के लिए एहतियातन कदम नहीं उठाया गया
इस योजना के तहत लगभग 170 किमी की लम्बाई में 19 मीटर चौड़ाई तथा औसत गहराई 03 मीटर में गाद निकासी कार्य कराया जाना है। इस योजना को मार्च, 2025 तक पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है। इससे छाड़ी नदी के प्रवाह को अविरल होने से इस क्षेत्र में बाढ़ आपदा न्यूनीकरण में मदद मिलेगी एवं इस क्षेत्र के जलीय पारिस्थितिकी के साथ-साथ भू-जल स्तर में भी सुधार होगा।  जल संसाधन विभाग की ओर से कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि कार्य के कार्यान्वयन के दौरान संबंधित अभियंताओं के द्वारा इस नदी पर अवस्थित पुल-पुलिया को सुरक्षित रखे जाने के लिए एहतियातन कदम नहीं उठाया गया तथा समुचित तकनीकी पर्यवेक्षण नहीं किया गया। 

निर्माण पर होने वाले व्यय की खर्च संवेदक से वसूल की जायेगी
जल संसाधन विभाग की ओर से कहा गया है कि इस मामले में कार्यकारी संवेदक के स्तर से भी लापरवाही बरती गयी। यह भी प्रतीत होता है कि संरचनाओं के समीप तकनीकी रूप से संतुष्ट होने के उपरान्त ही खुदाई कार्य किया जाना चाहिए था, जो नहीं किया गया। इसके लिए संबंधित अभियंता प्रथम द्रष्टया जवाबदेह है। इन पुल पुलियों के क्षतिग्रस्त होने के मामले को गंभीरता से लिया गया है तथा इसकी जांच का आदेश उड़नदस्ता संगठन को दिया गया है। उड़नदस्ता दल स्थल पर पहुंच चुका है तथा उनके द्वारा जांच की जा रही है। कार्यान्वयन से संबंधित दोषी अभियंताओं को चिन्हित कर एवं संवेदक के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी। छाड़ी नदी पर आवागमन सुनिश्चित करने के लिए नये पुलों के निर्माण कार्य की स्वीकृति एक सप्ताह के अंदर मिल जाएगी। इन पुलों के निर्माण पर होने वाले खर्च की वसूली संवेदक से की जायेगी।

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