मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में बढ़ी एनएसए अजित डोभाल की ताकत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल की ताकत बढ़ गई है. केंद्र सरकार ने उनकी मदद के लिए 2 दिग्गज अधिकारियों को तैनात किया है. डोभाल की टीम में शामिल किए गए ये दोनों अफसर खुफिया मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं. इन दोनों अफसरों का संबंध लंबे समय तक इंटेलिजेंस ब्यूरो और रॉ (Research and Analysis Wing, RAW) से रहा है.

अजित डोभाल की टीम में शामिल किए गए टीवी रविचंद्रन को उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (Deputy National Security Advisor) नियुक्त किया गया है. रविचंद्रन इससे पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो (Intelligence Bureau, IB) में स्पेशल डायरेक्टर थे. इसी तरह उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और रॉ के पूर्व प्रमुख राजिंदर खन्ना को अतिरिक्त राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया है.

R&AW के प्रमुख रह चुके राजिंदर खन्ना

देश की बाहरी खुफिया एजेंसी R&AW के पूर्व प्रमुख और उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) राजिंदर खन्ना को प्रमोट करते हुए अतिरिक्त एनएसए (Additional NSA) कर दिया गया है, जबकि तमिलनाडु कैडर के 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी टीवी रविचंद्रन को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS) में उप एनएसए (Deputy NSA) बनाया गया है.

राजिंदर खन्ना ओडिशा कैडर के 1978 बैच के आईपीएस अधिकारी रहे हैं. वह दिसंबर 2014 से दिसंबर 2016 तक R&AW के प्रमुख के रूप में काम किया. वह R&AW ऑपरेशंस डेस्क का भी अगुवाई कर चुके हैं और उन्हें पाकिस्तान तथा आतंकवाद के विशेषज्ञ के रूप में जाना जाता है. खन्ना को जनवरी 2018 में उप एनएसए (टीएंडआई) नियुक्त किया गया था.

इंटेलिजेंस ब्यूरो के स्पेशल डायरेक्टर रविचंद्रन

एनएससीएस की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया कि तमिलनाडु कैडर के आईपीएस रविचंद्रन वर्तमान में इंटेलिजेंस ब्यूरो के स्पेशल डायरेक्टर हैं और उन्हें कार्यभार ग्रहण करने की तारिख से 2 साल की अवधि के लिए डिप्टी एनएसए नियुक्त किया गया है, जो शुरुआत में उनकी रिटायर होने की तारिख (यानी 31 अगस्त, 2024) तक रहेगा. इसके बाद, रविचंद्रन को कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर फिर से नियुक्त किया जाएगा,

एनएसए में 2 सीनियर अफसरों को शामिल किए जाने को लेकर माना जा रहा है कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे में निरंतरता बनाए रखना चाहती है दोनों अफसर आंतरिक सुरक्षा को देखेंगे. ऐसे में अजित डोभाल की टीम में 2 नए अफसरों को शामिल किए जाने के बाद एनएसए पर काम का लोड कुछ कम हो सकता है. सूत्रों के अनुसार, अजित डोभाल अब पूरी तरह से पीएम मोदी की मदद करने को लेकर स्वतंत्र हो गए हैं क्योंकि आंतरिक सुरक्षा से संबंधित अन्य मुद्दों को अतिरिक्त एनएसए की ओर से देखा जाएगा.”

आतंकवाद के विरोधी मामलों में विशेषज्ञ

रिसर्च एंड एनालिसिस विंग सर्विस (आरएएस) के 1978 बैच के अधिकारी राजिंदर खन्ना ने दिसंबर 2014 से दिसंबर 2016 तक R&AW के प्रमुख के रूप में काम किया. इससे पहले, खन्ना R&AW में ऑपरेशन डेस्क के प्रमुख थे और उन्हें पाकिस्तान और आतंकवाद विरोधी मामलों में उनकी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है. जनवरी 2018 में डिप्टी एनएसए के रूप में नियुक्त किए जाने से पहले खन्ना ने टेक्नोलॉजी एंड इंटेलिजेंस (टीएंडआई) सेक्शन की अगुवाई की थी.

एनएसए में एक अन्य डिप्टी एनएसए हैं पंकज सिंह, जिन्हें पिछले साल जनवरी में 2 साल के लिए इस पद पर नियुक्त किया गया था. पिछले दिनों 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) अफसर विक्रम मिसरी को विदेश सचिव नियुक्त किया गया है. वह विनय क्वात्रा का स्थान लेंगे, जिन्हें अमेरिका में भेजा जा सकता है. उनके अमेरिका में भारत का राजदूत नियुक्त किया सकता है.

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देखरेख में काम करता है, और एनएसए अजीत डोभाल इसके सचिव हैं, जो आंतरिक और बाहरी सुरक्षा से संबंधित सभी मामलों के लिए सर्वोच्च निकाय के रूप में कार्य करता है.

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