राज्यसभा निलंबन पर विपक्ष का मार्च, राहुल गांधी ने कहा- ये लोकतंत्र की हत्या

राज्यसभा में विपक्ष के 12 सांसदों के निलंबन का मुद्दा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. 14 दिसंबर को जहां संसद के बाहर निलंबन रद्द करने की मांग को लेकर विपक्षी सांसदों ने गांधी प्रतिमा से लेकर विजय चौक तक विरोध मार्च का किया वहीं राज्यसभा के अंदर भी इसी मांग के साथ विपक्ष का विरोध जारी रहा.

भारत के लोगों की आवाज को कुचलने का प्रतीक- राहुल गांधी

राज्यसभा के 12 सांसदों के निलंबन की मांग को लेकर गांधी प्रतिमा से विजय चौक तक विरोध मार्च की अगुवाई कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष की आवाज दबा दी गई है.

विपक्ष जहां भी मुद्दे उठाने की कोशिश कर रहा है, उन्हें दबा दिया जाता है. सरकार हमें मुद्दों को उठाने की अनुमति नहीं देती है. यह लोकतंत्र की हत्या है. हम सरकार के खिलाफ मुद्दे उठाना चाहते हैं, लेकिन हमें ऐसा करने की अनुमति नहीं है.- राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने यह भी कहा कि “यह संसद चलाने का तरीका नहीं है. प्रधानमंत्री सदन में नहीं आते हैं. जब भी हम कोई मुद्दा उठाना चाहते हैं तो हमें ऐसा करने से रोका जाता है. यह लोकतंत्र की बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हत्या है जो हो रही है.

“”हमारे यहां हमारे निलंबित सदस्य हैं. यह भारत के लोगों की आवाज को कुचलने का प्रतीक है. वो दो सप्ताह से निलंबित हैं. वे बाहर बैठे हैं और उनकी आवाज को कुचल दिया गया है. हमें महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने की अनुमति नहीं दी जा रही है” – राहुल गांधी

सदस्य माफी मांगे और सदन में वापस आएं- प्रल्हाद जोशी

संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार, 14 दिसंबर को राज्यसभा के निलंबित सांसदों के मुद्दे पर विपक्षी नेताओं के विरोध पर खेद व्यक्त किया और सरकार के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए संसद में वापस आने का आग्रह किया.

12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन पर जारी गतिरोध के बीच विपक्षी सदस्यों ने फिर से वॉकआउट किया. प्रल्हाद जोशी ने कहा कि सरकार निलंबन वापस लेने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर उनके साथ बातचीत कर रही है, लेकिन उन्हें माफी मांगनी होगी.

“हम विगत दो हफ्ते से शून्यकाल और प्रश्नकाल चलाने की पूरी कोशिश कर हैं और निलंबन वापस लेने को लेकर भी बातचीत हो रही है। मैंने सभी सांसदों को कहा है कि आप कम से कम माफी मांगे। हम लगातार कोशिश कर रहें हैं कि सदस्य माफी मांगे और सदन में वापस आएं”- प्रल्हाद जोशी

गौरतलब है कि पिछले सत्र में कतिथ “हिंसक व्यवहार” के लिए संसद के पूरे शीतकालीन सत्र के लिए 29 नवंबर को राज्यसभा से 12 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया था. विपक्ष ने निलंबन को “अलोकतांत्रिक और उच्च सदन के सभी नियमों का उल्लंघन” करार दिया है.

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