राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए एनडीए सरकार के कामकाज की खूब तारीफ की। राष्ट्रपति ने कहा कि एनडीए सरकार में किसानों से लेकर युवाओं के लिए कई काम हुए हैं। राष्ट्रपति ने इसी के साथ इमरजेंसी पर भी अपनी राय रखी और उसे एक काला अध्याय बताया।
ओवैसी ने की मुर्मु के अभिभाषण की आलोचना
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर विपक्ष ने हंगामा भी किया। अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति के बाद एआईएमआईएम (AIMIM) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कई सवाल उठाए। ओवैसी ने मुर्मु के अभिभाषण की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें अल्पसंख्यकों और बेरोजगारी का जिक्र तक नहीं था।
ओवैसी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि राष्ट्रपति ने पूरे संबोधन में अल्पसंख्यकों या बेरोजगारी का कोई जिक्र नहीं किया।
ब्लिंकन का किया जिक्र
ओवैसी ने आगे कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था कि भारत में नफरत फैलाने वाले भाषणों में वृद्धि हुई है और अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों को तोड़ा जा रहा है। इस पर भी कुछ नहीं कहा गया। उन्होंने कहा कि संबोधन में कुछ भी नया नहीं था, यह नई बोतल में पुरानी शराब की तरह था।
नीट परीक्षा पर भी बोला हमला
ओवैसी ने नीट परीक्षा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नीट दोबारा होनी चाहिए थी। हर जगह पेपर लीक हो रहे हैं और सरकार 25 लाख युवाओं और उनके परिवारों की जिंदगी से खेल रही है। बता दें कि संसद के संयुक्त संबोधिन में राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि सरकार पेपर लीक की हालिया घटनाओं की निष्पक्ष जांच के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है तथा यह सुनिश्चित करेगी कि दोषियों को सजा मिले।