बिहार में गंगा नदी पर 15वां पुल बनने का रास्ता साफ, इन तीन राज्यों की दूरी घटेगी

बिहार में गंगा नदी पर एक और पुल बनने का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार ने बेगूसराय के मटिहानी से शाम्हो के बीच बनने वाले पुल की संभाव्यता रिपोर्ट को सही पाया है। इसी साल जून में ही पुल बनने की संभावना तलाशने (फिजिबिलिटि रिपोर्ट) का काम शुरू हुआ था जो अब पूरा हो गया है। एनएचएआई ने पाया है कि इस इलाके में पुल की जरूरत है। यह पुल बिहार में गंगा पर बनने वाला 15वां पुल होगा।

अब एनएचएआई ने एक एजेंसी को इस पुल के लिए डीपीआर बनाने का जिम्मा दिया है। डीपीआर बनने के बाद इसके निर्माण के लिए वित्तीय व अन्य प्रक्रिया की मंजूरी दी जाएगी। बेगूसराय के मटिहानी-शाम्हो के बीच पुल के बनने से बेगूसराय से लखीसराय, मुंगेर, भागलपुर आना-जाना और आसान हो जाएगा। 

दरअसल, पुल बनाने की मांग को लेकर भाजपा सांसद राकेश सिन्हा ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की थी। इसके बाद ही केंद्र के निर्देश पर एनएचएआई ने पुल बनाने की संभावना तलाशने का काम शुरू किया था। जिस रास्ते पर पुल बनाया जाना है, वह रास्ता पहले शाम्हो-नेपाल मार्ग के नाम से जाना जाता था। अब यह मटिहानी-शाम्हो के नाम से जाना जाता है। किसानों की ओर से पहले से ही जमीन दिए जाने के कारण प्रस्तावित पुल के कई स्थानों पर 80 फीट तक चौड़ी कच्ची-पक्की सड़क है।
  
गंगा नदी पर बनने वाला यह पुल एनएच 31 और एनएच 80 को जोड़ेगा। पुल के बन जाने से बिहार को झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओड़िशा आने-जाने के लिए एक नया रास्ता उपलब्ध हो जाएगा।  तीनों राज्यों की दूरी 76 किलोमीटर कम हो जाएगी। इलाके के दो लाख किसानों को अपना उत्पाद बेचने में भी सुविधा होगी। पुल के बन जाने पर मुंगेर और भागलपुर से आपदा टीम 40 मिनट के भीतर आ जाएगी। 
 
गंगा पर पुलों की स्थिति
मौजूदा पुल : बक्सर पुल, आरा-छपरा, जेपी सेतु, राजेन्द्र सेतु, गांधी सेतु और विक्रमशिला सेतु
निर्माणाधीन पुल : शेरपुर-दीघवारा, जेपी सेतु के समानांतर, गांधी सेतु के समानांतर, कच्ची दरगाह-बिदुपुर, बख्तियारपुर-ताजपुर, मोकामा पुल के समानांतर, मुंगेर पुल, विक्रमशिला सेतु के समानांतर।  

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