चौथे दिन भी जारी रहा फोटो और वीडियोग्राफी का काम, ज्ञानवापी के गुंबद में मिले धार्मिक चिह्न

ज्ञानवापी में गुंबद के नीचे और तहखाने में मिलने वाले साक्ष्य अहम होंगे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने रविवार को भी गुंबद व उसके आसपास से साक्ष्य जुटाए हैं। तहखानों में जाकर सर्वे किया है। ज्ञानवापी के तैयार नक्शे के आधार पर मिल रही आकृति, उसकी बनावट और निर्माण का ब्योरा टोपोग्राफी शीट पर भी उतारी गई। दीवारों की थ्रीडी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई गई।

एएसआई रविवार को सबसे बड़ी सर्वे टीम के साथ ज्ञानवापी परिसर पहुंची। कड़ी सुरक्षा के बीच 58 सदस्यीय टीम को ज्ञानवापी परिसर में दाखिल कराया गया। सुबह आठ बजे से सर्वे का काम शुरू हुआ। ज्ञानवापी के अंदर चार टीमों ने अलग-अलग हिस्सों में करीब सात घंटे तक सर्वे किया। सबसे पहले एक टीम तहखाने में दाखिल हुई और वहां की दीवारों, छत, ताखा व खंभों पर अंकित चित्रों को देखा। साथ ही उनके आकार, प्रकार को रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। एक टीम ने गुंबदों की बनावट की जानकारी जुटाई है। गुंबद के भीतरी, बाहरी और उसके आसपास मिले धार्मिक आकृतियों की फोटो और वीडियोग्राफी कराई। मैपिंग भी हुई है। धार्मिक महत्व से संबंधित 20 से ज्यादा साक्ष्य मिले हैं। एएसआई की एक टीम ने कंगूरों का अध्ययन किया और इसकी बनावट आदि की मैपिंग की है। चौथी टीम ने ज्ञानवापी की सीमा पर चहारदीवारी और पश्चिमी दीवारों का अवलोकन किया। साक्ष्य जुटाकर आगे की औपचारिकता पूरी की है।

बिजली कटौती से तहखानों की जांच अधूरी

एएसआई की टीम को तहखानों की जांच में रविवार को काफी मशक्कत करनी पड़ी। बार-बार बिजली कटौती की वजह से काम रोकना पड़ा है। हालांकि, प्रकाश की वैकल्पिक व्यवस्था कराई गई, मगर एएसआई के विशेषज्ञों ने वास्तविक स्थिति में सर्वे करने की प्राथमिकता बताई। एएसआई के विशेषज्ञों ने अधिकारियों से कहा कि दिन के प्रकाश में ही तहखानों का सर्वे पूरा कराया जाएगा। इससे साक्ष्य जुटाने में आसानी होगी।

सर्वे के साथ ही एएसआई तैयार कर रही है रिपोर्टसर्वे के चौथे दिन तैयार किए गए रिकॉर्ड के आधार पर एएसआई ने अपनी रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है। इसमें ज्ञानवापी परिसर के अवलोकन के आधार पर तैयार की जा रही रिपोर्ट में एएसआई बनावट, निर्माण शैली सहित अन्य बिंदुओं को शामिल करेगी।

15 दिन में पूरा हो सकता है सर्वे का काम

एएसआई के विशेषज्ञों की अधिकारियों से जो चर्चा हुई है, उसके मुताबिक सर्वे 15 दिन में पूरा हो सकता है। आधुनिक तकनीक पर आधारित फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, मैपिंग व स्कैनिंग कराई जा रही है। पांचवें दिन भी इसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। इसमें जीपीआर तकनीक से सर्वे के लिए अलग टीम वाराणसी आएगी।

सर्वे में तीन प्रमुख मशीनों का किया जा रहा है उपयोग

ज्ञानवापी परिसर की सतह की माप के लिए डायल टेस्ट इंडिकेटर लगाया जाता है। डेप्थ माइक्रोमीटर से भी अलग-अलग हिस्सों की माप की जा रही है। इसके साथ ही कांबिनेशन सेंट वर्नियर बैवल प्रोट्रेक्टर से परिसर में हुए निर्माण की बनावट, कलाकृतियां आदि की जांच की जा रही है। इसमें एएसआई टीम तैयार किए नक्शे के आधार पर इन मापों को रिकॉर्ड में दर्ज कर रही है।

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