पुराने संसद भवन में शुक्रवार को एनडीए की बैठक के दौरान रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह के तीसरी पंक्ति में बैठने पर सोशल मीडिया पर सियासी जंग छिड़ गई है। इसको लेकर सपा की मीडिया सेल ने तंज कसते हुए एक्स पर टिपपणी की है। वहीं, व्हाट्सएप व अन्य जगह भी जयंत का तीसरी पंक्ति में बैठे हुए फोटो वायरल करके नेता अपना पक्ष रख रहे हैं।
जयंत चौधरी को कैबिनेट मंत्री बनाने की मांग
रालोद खेल प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नीरपाल सिंह ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो जयंत चौधरी को एनडीए सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया जाए।
सहारनपुर में शुक्रवार को दिल्ली रोड स्थित आवास-विकास कॉलोनी में हुई बैठक में उन्होंने कहा कि तीसरी बार एनडीए की सरकार बनने जा रही है। जयंत चौधरी के कैबिनेट मंत्री बनने से देश के किसानों का सम्मान बढ़ेगा और एनडीए को ताकत मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार में रहकर भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के विचारों को आगे बढ़ाया जाएगा। चौधरी साहब के जो सपने अधूरे रह गए थे उन्हें पूरा किया जाएगा।
जयंत के तीसरी पंक्ति में बैठने पर छिड़ी सियासी जंग
एनडीए की शुक्रवार को पुराने संसद भवन में हुई बैठक में रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह तीसरी पंक्ति में बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं। इसको लेकर ही सपा के आधिकारिक मीडिया सेल के एक्स अकाउंट से टिप्पणी करते हुए लिखा गया कि आरएलडी के मुखिया को मंच पर स्थान तक नहीं दिया गया, जबकि उनकी दो सीटें हैं।
वहीं, एक-एक सीट वाले दलों के नेताओं को मंच पर साथ में बैठाया गया। भाजपा की जाट समाज से नफरत और स्व. चौधरी चरण सिंह एवं चौधरी अजित सिंह के प्रति नाटकीय झूठे सम्मान का भंडाफोड़ हो गया।इसके अलावा लिखा गया है कि जयंत चौधरी अगर सच में किसान हितैषी हैं तो उन्हें एनडीए से दूरी बनानी चाहिए और किसान हितों पर भाजपा के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। छोटे और नजदीकी लालच के चक्कर में अपने स्वाभिमान और किसान हितों का सौदा भाजपा से नहीं करना चाहिए।
इसके बाद सोशल मीडिया पर जंग शुरू हो गई और किसी ने कहा कि इस तरह से सपा व इंडिया गठबंधन वाले उकसाना चाहते हैं। वहीं, रालोद के व्हाट्सएप ग्रुप पर भी कई नेताओं ने लिखा कि चौधरी जयंत सिंह का नरेंद्र मोदी पूरा सम्मान दे रहे हैं। विपक्ष के लोग हार के कारण बौखला गए हैं। रालोद के मंडल के पूर्व महासचिव ओमवीर ढाका ने व्हाट्सएप ग्रुप में एक संदेश भेजा कि चौधरी जयंत सिंह पारिवारिक कार्यक्रम के कारण बैठक में देरी से पहुंचे और वह तीसरी पंक्ति में बैठ गए। उनको राजनाथ सिंह ने आगे आने के लिए इशारा किया, मगर वह खुद ही आगे नहीं आए। बैठक के बाद वह पीएम नरेंद्र मोदी से मिले तो उनको पूरा सम्मान दिया गया।