बरेली में पीलीभीत बाइपास के किनारे प्लॉट पर कब्जे को लेकर बवाल करने वाले दोनों गुट के आरोपियों और सरगना की अवैध संपत्तियां चिह्नित की जा रही हैं। शासन के आदेश पर बीडीए (बरेली विकास प्राधिकरण) आरोपियों की अवैध संपत्तियों की सूची तैयार कर रहा है। मानचित्र स्वीकृत कराए बिना हुए निर्माण पर भी बीडीए की नजर है। माना जा रहा है कि जल्दी ही इन पर बीडीए का बुलडोजर चल सकता है।
आरोपियों की संपत्ति वैध है या अवैध, मकान का मानचित्र स्वीकृत है या नहीं, नगर निगम में मकान रजिस्टर्ड है या नहीं, आदि बिंदुओं के साथ ही नगर निगम की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं की भी जांच की जाएगी। वहीं, सरगना व उनके परिचितों के नाम पर शहर में कितनी प्रॉपर्टी है? कहां से कितनी संपत्ति अर्जित की है? इसकी भी जांच शुरू कर दी गई है।
बीडीए के सचिव योगेंद्र कुमार ने बताया कि अवैध निर्माण के खिलाफ प्राधिकरण लगातार कार्रवाई कर रहा है। पुलिस की ओर से सूची मिलती है तो उसके आधार पर और प्राधिकरण की ओर से जांच में सामने आई अवैध संपत्तियों पर भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
मुठभेड़ के डर से शहर छोड़कर भाग गए उपद्रवी
शहर में शनिवार को हुए बवाल ने जिले की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। मामला शासन तक पहुंचा तो पुलिस ने फजीहत से बचने के लिए एक आरोपी को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की गोली से बचने के लिए उपद्रवी अब शहर से बाहर भाग गए हैं। वे कोर्ट में सरेंडर करने की योजना बना रहे हैं।
शनिवार को राजीव राणा और आदित्य उपाध्याय गुट ने जमकर फायरिंग कर दहशत फैला दी थी। इसके वीडियो वायरल हुए तो बरेली पुलिस की काफी किरकिरी हुई। शासन की ओर से आरोपियों पर गैंगस्टर और रासुका के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए दरोगा की तरफ से दोनों पक्षों के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है।
शनिवार रात पुलिस ने राजीव राणा पक्ष के ललित सक्सेना को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। उसके पैर में गोली लगी है। इसके बाद से अन्य हमलावरों को भी मुठभेड़ का डर सता रहा है। बवाल करने वालों में कई पेशेवर अपराधी बताए जा रहे हैं।
फरार बदमाशों को पकड़ने लिए पांच पुलिस टीमें लगाई गई हैं। इनमें इज्जतनगर चौकी, बैरियर टू पुलिस चौकी, सर्विलांस, एसओजी व इंस्पेक्टर क्राइम इज्जतनगर की टीमें शामिल हैं। सभी को अलग-अलग लक्ष्य दिए गए हैं।