कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को मीडिया बातचीत में स्पष्ट किया कि राहुल गांधी रायबरेली से सांसद बने रहेंगे. वहीं उन्होंने उनके वायनाड सीट छोड़ने की घोषणा तो की ही साथ ही यह भी कहा कि, प्रियंका गांधी वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी.
कांग्रेस से वायनाड से प्रियंका को उतारा
इस दौरान उन्होंने प्रियंका गांधी के एक पुराने स्लोगन ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का प्रयोग करते हुए कहा कि वह वायनाड से उपचुनाव लड़ेंगी. इस तरह कांग्रेस ने एक ही दिन में दो बड़ी घोषणाएं की हैं. एक तो राहुल गांधी का निर्णय कि वह रायबरेली से ही सांसद बने रहेंगे और दूसरा कि कांग्रेस ने वायनाड उपचुनाव के लिए अपना प्रत्याशी भी उतार दिया है.
पारिवारिक गढ़ रायबरेली से सांसद बने रहेंगे राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को वायनाड लोकसभा सीट छोड़ने का फैसला किया और अपने पारिवारिक गढ़ रायबरेली में रहने का फैसला किया. विशेष रूप से, राहुल गांधी ने आम चुनावों में दोनों लोकसभा सीटों – केरल में वायनाड और उत्तर प्रदेश में रायबरेली पर प्रभावशाली अंतर से जीत हासिल की. नई दिल्ली में पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की चर्चा के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस फैसले की घोषणा की गई.
लोकसभा चुनाव परिणाम आने के 14 दिनों में करना था फैसला
नियमों के अनुसार, राहुल गांधी को 4 जून को आए लोकसभा नतीजों के 14 दिनों के भीतर एक सीट खाली करनी थी. अब जब राहुल गांधी ने रायबरेली में रहने का विकल्प चुना है, तो उनकी बहन प्रियंका वायनाड की खाली हुई सीट से उपचुनाव लड़ेंगी.
क्या बोले मल्लिकार्जुन खड़गे?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने घोषणा करते हुए कहा, “राहुल गांधी दो लोकसभा सीटों से जीते हैं, लेकिन कानून के अनुसार, उन्हें एक सीट खाली करनी होगी. राहुल गांधी रायबरेली बरकरार रखेंगे और हमने फैसला किया है कि प्रियंका जी वायनाड से लड़ेंगी.” फैसले के बाद, राहुल गांधी ने कहा कि रायबरेली और वायनाड दोनों को “दो सांसद मिलेंगे”.
प्रियंका गांधी ने कहा, “मैं वायनाड के लोगों को राहुल की कमी महसूस नहीं होने दूंगी.”