नहीं चला संजीव बालियान का जादू, सपा प्रत्याशी हरेंद्र मलिक जीते

मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में सपा प्रत्याशी हरेंद्र मलिक ने केंद्रीय राज्यमंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी डॉ. संजीव बालियान को 25989 वोटों से हरा दिया। मलिक को 469,804 और बालियान को 443,815 वोट मिले। बालियान ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। मलिक की जीत से समर्थकों के बीच खुशी का माहौल है।

शहर के नवीन मंडी स्थल पर मंगलवार सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना आरंभ हुई। पहले दो चरण में मामूली अंतर से बढ़त के बाद भाजपा प्रत्याशी डॉ. संजीव बालियान पिछड़ते चले गए और मलिक ने 20वें चरण तक लगभग 30 हजार मतों की बढ़त बनाए रखी। इसके बाद सपा प्रत्याशी की बढ़त कम जरूर हुई, लेकिन भाजपा प्रत्याशी अंतर कम करने में नाकाम रहे। आखिरी दो चक्र में सपा प्रत्याशी ने निर्णायक बढ़त बनाकर 25989 वोटों से चुनाव जीत लिया।

भाजपा के कोर मतदाताओं में बिखराव हार की बड़ी वजह रही। इसके साथ ही भाजपा प्रत्याशी बालियान का लगातार दो चुनाव से चला आ रहा विजय रथ थम गया। हरेंद्र मलिक पहली बार सांसद चुने गए हैं। इससे पहले वह विधायक और राज्यसभा सांसद रहे थे। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने नवनिर्वाचित सांसद हरेंद्र मलिक को जीत का प्रमाणपत्र दिया।

आतिशबाजी और ढोल पर झूमे समर्थक
सपा प्रत्याशी हरेंद्र मलिक की जीत के साथ ही समर्थकों ने खुशी मनाई। उनके प्रेमपुरी स्थित आवास के अलावा कैंप कार्यालय, सपा कार्यालय पर खुशी रही। शहर के मीनाक्षी चौक और खालापार में भी पटाखे छोड़े गए।

मतगणना स्थल पर पहुंचे विधायक पुत्र पंकज मलिक
मतगणना के दौरान दिनभर हरेंद्र मलिक मीडिया गैलरी के आसपास ही रहे। चरथावल से सपा विधायक उनके बेटे पंकज मलिक दिनभर घर से मतगणना पर नजर रखे रहे। निर्णायक बढ़त मिलते ही पंकज मलिक भी मतगणना स्थल पर पहुंच गए।मेरा आखिरी

चुनाव था, जनता ने अहंकार को हराया : मलिक
नव निर्वाचित सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने जीत के बाद कहा कि यह चुनाव सत्ता और जनता के बीच था। जनता की जीत हुई है। यह मेरे जीवन का आखिरी चुनाव था। जनता ने मेरी लाज रखी है। यह हमारी नहीं जनता की जीत है।कूकड़ा मंडी में मतगणना पूरी होने के बाद सपा प्रत्याशी हरेंद्र मलिक ने कहा कि लोकसभा चुनाव में जनता ने सत्ता को हरा दिया है। यह ऐसा चुनाव था जो सत्ता के खिलाफ जनता लड़ रही थी। युवाओं की बेरोजगारी, सरकारी कर्मचारियों की पेंशन बड़ा मुद्दा रहा। उन्होंने कहा कि उन्हें इस चुनाव में प्रत्येक वर्ग का सहयोग मिला है। मेरे लंबे राजनीतिक जीवन का यह आखिरी चुनाव था। लोकसभा क्षेत्र की जनता ने इस चुनाव में उनकी लाज रखी है।

पिता सांसद और बेटा विधायक
हरेंद्र मलिक की जीत ने अनोखा रिकॉर्ड बनाया है। एक ही घर में सांसद और विधायक बन गए हैं। करीब 50 साल की राजनीतिक जीवन में सपा महासचिव हरेन्द्र मलिक ने जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया। वह खुद सांसद चुने गए, जबकि उनके पुत्र पंकज मलिक विधायक हैं।

तीसरे सदन में प्रवेश कर गए हरेंद्र
हरेंद्र मलिक जिले के ऐसे नेता है जो तीसरा सदन देखेंगे। हरेंद्र मलिक चार बार विधायक रहे हैं। एक बार वह राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। ये दोनों सदन वह पहले ही देख चुके हैं। अब उन्हें लोकसभा चुनाव जीतकर तीसरे सदन में जाने का अवसर मिला है।

दस साल विकास किया, जनता का फैसला स्वीकार्य : बालियान

केंद्रीय राज्यमंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि जनता ने दस साल मौका दिया। इस दौरान भरपूर विकास कार्य कराए गए। जिले की तस्वीर बदल दी गई। अब जनता का फैसला स्वीकार है। अब चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी की जिम्मेदारी है कि वह जिले के विकास को आगे बढ़ाने का काम करें। भाजपा नेता हमेशा जनता के लिए तत्पर है। वह हमेशा की तरह लोगों के बीच रहेंगे। लोकतंत्र में जनता ही अंतिम फैसला करती है।

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