सेंट्रल जेल के अंदर से लाइव वीडियो बनाने के मामले में पुलिस की जांच रिपोर्ट और डीआईजी जेल के स्थलीय सत्यापन के बाद प्राथमिक कार्रवाई की गई है। तीन वार्डर को निलंबित कर दिया गया, जबकि डिप्टी जेलर को लखनऊ मुख्यालय संबद्ध किया गया है। दोनों जेलर से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
शाहजहांपुर के ठेकेदार की हत्या के मामले में सेंट्रल जेल में मेरठ का शूटर आसिफ खान बंद है। हत्या के मामले में उसे सजा होने वाली है, इससे पहले उसे तारीख पर शाहजहांपुर भेजा जाता है। हाल ही में आसिफ ने इंस्टाग्राम पर एक लाइव वीडियो डाला था। जेल प्रशासन इसे पेशी के दौरान का वीडियो बता रहा था। पुलिस की जांच में वीडियो जेल के अंदर का ही होने की पुष्टि हो गई। वीडियो आठ मार्च की शाम को बनाया गया था, जिस वक्त आसिफ अपनी बैरक से बाहर सर्किल में ही था। एसपी सिटी ने इस रिपोर्ट को डीआईजी जेल कुंतल किशोर को सौंप दिया।
डीआईजी जेल ने गुरुवार व शुक्रवार को सेंट्रल जेल टू के वरिष्ठ अधीक्षक विपिन मिश्रा के साथ जांच व स्थलीय सत्यापन किया। इसके बाद विपिन मिश्रा ने सेंट्रल जेल के संबंधित इलाके में तैनात वार्डर रतिशंकर द्विवेदी, हंसजियो शर्मा व गोपाल पांडेय को निलंबित कर दिया। तीनों की लापरवाही मानकर कार्रवाई की गई है। आसिफ जिस सर्किल में था, उसकी जिम्मेदारी डिप्टी जेलर विशन सिंह बलदिया की थी। डीआईजी जेल ने जेल महानिदेशक एसएन साबत से बलदिया को लखनऊ मुख्यालय अटैच करने की संस्तुति की है। जेल अधीक्षक का कार्यभार देख रहे जेलर विजय राय और दूसरे जेलर नीरज कुमार से उन्होंने पूरे प्रकरण में स्पष्टीकरण तलब किया है।
डीआईजी जेल कुंतल किशोर ने बताया कि स्पष्टीकरण के बाद और भी कार्रवाई हो सकती है। पुलिस विभाग के अधिकारियों के संपर्क में है। तलाशी के दौरान मोबाइल न मिलने से आगे की जांच में देर लग रही है। आईपी एड्रेस आदि चीजें साफ होने पर विस्तृत जांच में स्थिति साफ होगी।