कैराना से सपा की इकरा हसन बड़े अंतर से जीती

कैराना : जिले की लोकसभा सीट पर पहले चरण में हुए मतदान के बाद आज फैसले का दिन है. ताजा अपडेट में सपा की इकरा चौधरी 69 हजार से ज्यादा वोटों से जीत गई हैं. हालांकि अंतिम आंकड़े आने बाकी हैं. भाजपा के प्रदीप कुमार को इस सीट पर तगड़ी शिकस्त मिली है.

इस सीट पर पांच विधानसभाओं में 1722432 वोटरों में से 1075839 वोटरों ने 62.46 फीसद मतदान किया है. कैराना लोकसभा के चुनाव परिणामों में भाजपा और सपा के बीच कांटे की टक्कर होने का अनुमान लगाया जा रहा है. बीजेपी से वर्तमान सांसद प्रदीप चौधरी, सपा से इकरा हसन और बसपा से श्रीपाल राणा चुनाव मैदान में हैं, जिनमें से मुख्य मुकाबला बीजेपी और सपा के बीच माना जा रहा है. यह सीट वेस्ट यूपी में बीजेपी और सपा दोनों के राजनैतिक वर्चस्व को साधने के लिए अहम है.

शामली : दिल्ली और लखनऊ की राजनीति में सीधे तौर पर दस्तक देने वाली वेस्ट यूपी की कैराना लोकसभा सीट हर किसी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यहां से निकलने वाला जनादेश राजनैतिक पार्टियों की दशा और दिशा का फैसला करता है. 2014 में कैराना पलायन के मुद्दे के साथ बीजेपी ने यूपी और देश में सुर्खिया बंटोरी थी और भारी जनादेश के साथ जीत भी हासिल की थी.

दांव पर प्रत्याशियों का राजनैतिक भविष्य : कैराना लोकसभा सीट पर बीजेपी, सपा और बसपा के प्रत्याशी मुख्य तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन इस सीट पर आज होने वाली मतगणना तीनों प्रत्याशियों के राजनैतिक भविष्य का फैसला करेगी. बीजेपी के प्रत्याशी प्रदीप चौधरी इस सीट पर पिछला चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन इस बार कम मतदान प्रतिशत रहने के कारण बीजेपी और सपा के बीच कांटे का मुकाबला होने के कयास है. प्रदीप चौधरी के लिए सीट को सुरक्षित रखने की चुनौती है, तो वहीं सपा की इकरा हसन के लिए यह चुनाव कई रूप से विशेष मायने रखता है, क्योंकि वर्ष 2018 के उपचुनाव में प्रदीप चौधरी इकरा की मां तबस्सुम हसन और वर्ष 2012 के गंगोह विधानसभा चुनाव में भाई नाहिद हसन को शिकस्त दे चुके हैं. पहली बार लोकसभा चुनाव में हाथ आजमा रही इकरा हसन के लिए यह चुनाव उनके राजनैतिक भविष्य के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है.

कैराना लोकसभा सीट पर पिछला चुनाव : वर्ष 2014 में कैराना लोकसभा सीट पर 73.10 फीसद मतदान हुआ था. इस दौरान भाजपा से सांसद हुकुम सिंह ने 565909 वोटों के साथ जीत हासिल की थी, जबकि सपा प्रत्याशी नाहिद हसन 329081 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे. सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद इस सीट पर वर्ष 2018 में उपचुनाव के दौरान 58.20 फीसद वोट पड़े थे, जिसमें सपा गठबंधन प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने बीजेपी प्रत्याशी मृगांका सिंह को हराया था. तबस्सुम ने 481183 और मृंगाका ने 436564 वोट प्राप्त किए थे. वहीं, 2019 में कैराना लोकसभा पर हुए 67.44 फीसद मतदान में प्रदीप चौधरी ने सपा की तबस्सुम हसन को मात देते हुए लोकसभा पर फिर से बीजेपी का परचम लहराया था. उस दौरान प्रदीप चौधरी ने 566961 और तबस्सुम ने 474801 वोट प्राप्त किए थे.


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