पटना मेट्रो रेल परियोजना अंतर्गत टनल खुदाई के कार्य का शुभारंभ करने सीएम नीतीश और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पहुंचे हैं। पटना के मोइनुल हक स्टेडियम में दोनों ने इससे जुड़ी एक शॉर्ट फिल्म देखा। वहीं सीएम और डिप्टी सीएम अब निरीक्षण कर रहे हैं।
इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम चाहते हैं तेजी से काम हो। दिल्ली का भी देखे हुए हैं, जब दिल्ली में मेट्रो सबसे पहले शुरू हुआ था। अटल जी की सरकार के समय। पटना मेट्रो भी बहुत अच्छा बन जाएगा। आप लोग देखिएगा। पटना में भी लोगों को काफी सहूलियत होगी। हम लोग लगे हुए हैं कि बहुत तेजी से काम पूरा हो जाए। जयका से एग्रीमेंट भी हो चुका है। कहां पर क्या होगा किस तरह से होगा यह सब काम कर दिया गया है।
नगर आवास विभाग के मुख्य पर सचिव अरुणिश चावला ने भास्कर को बताया मोइनुल हक स्टेडियम से टनल बोरिंग मशीन बोरिंग करते हुए मेट्रो का काम शुरू करेंगी। यह दोनों मशीनें पटना यूनिवर्सिटी निकालेंगी और फिर वहां से गांधी मैदान और वहां से आकाशवाणी और पटना स्टेशन तक जाएंगी। यह मशीन पटना में वाटर लेवल से नीचे जाकर खुदाई कार्य करेंगी।
उन्होंने कहा कि एक ही मशीन के अंदर कटर बकेट और मड निकालने का प्रावधान भी है। उन्होंने कहा कि टनल बोरिंग मशीन 3से4 साल अपना काम पूरा करेगी। उन्होंने बताया कि 4 चैनल बोरिंग मशीन लगेगी। एक का उद्घाटन किया गया है और दूसरी ट्रेन पर दिख रही है। दो मशीन अप और डाउन में कार्य करेगी।
यह मशीन धीरे-धीरे चलेगी। दो मशीन अप और डाउन में काम करते हुए पटना यूनिवर्सिटी के पास निकलेंगी। 4 से 5 महीने में पटना यूनिवर्सिटी के पास निकलेगी। इसके बाद पीएमसीएच से नीचे होते हुए सीधे गांधी मैदान में निकलेगी। यानी मोइनुल हक स्टेडियम से गांधी मैदान तक पूरी अंडरग्राउंड टनल बनेगी। इसके बाद दो मशीनें आकाशवाणी होते हुए पटना स्टेशन के पास निकलेंगी। यह बहुत कठिन कार्य है क्योंकि वाटर लेवल से नीचे शहर को बिना डिस्टर्ब किए काम करना है। 4 से 5 साल के अंदर यह काम पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि जायका के साथ एक हफ्ता पहले हमारा एग्रीमेंट हुआ है। इस पूरे प्रोजेक्ट में राज्य सरकार और केंद्र सरकार 40% हिस्सा खर्च करेगी। बाकी लैंड एक्विजिशन राज्य सरकार वहन करेगी । इसमें 67 हजार करोड़ का खर्च है। जायका से जो ऋण लिया गया है वह लगभग 5 हजार 540 हजार करोड़ का है। यह 1.7% के ब्याज दर पर लिया गया है। बचा हुआ काम जायका के से ही किया जाएगा। हम पहले अपना काम करके दिखा रहे हैं उसको देखकर ही कोई फाइनेंसर संतुष्ट होकर मदद करता है। 29 तारीख को जैपनीज एंबेस्डर के साथ इकरारनामा साइन हो चुका है। जायका के लोन से बचा हुआ काम पूरा कर पाएंगे।
तीन फ्लोर का बनेगा अंडरग्राउंड पटना मेट्रो स्टेशन
पटना जंक्शन के पास मेट्रो का तीन फ्लोर का अंडरग्राउंड स्टेशन बनेगा। पहले फ्लोर पर टिकट काउंटर, वेटिंग हॉल और खाने-पीने के स्टॉल होंगे। दूसरे और तीसरे फ्लोर में ट्रेन चलेगी। यह इंटरचेंज स्टेशन है। यहां से कॉरिडोर वन और टू के लिए ट्रेन बदलने की सुविधा मिलेगी। इसका निर्माण जायका के फंड से होगा। पहले चरण में जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी से मिलने वाले 5509 करोड़ से करीब 8 किमी अंडरग्राउंड मेट्रो का निर्माण होगा।
इनमें पटना जंक्शन, विद्युत भवन, विकास भवन, पटना जू, राजा बाजार, रूकनपुरा स्टेशन शामिल हैं। साथ ही आकाशवाणी से पटना जंक्शन को जोड़ने का काम होगा। मेट्रो के अधिकारियों मुताबिक जून-जुलाई से निर्माण कार्य शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इससे पहले निविदा सहित अन्य प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
30 महीने में पूरा होगा काम
राजेंद्रनगर से आकाशवाणी के बीच अंडरग्राउंड मेट्रो के निर्माण चल रहा है। इसमें कुल छह स्टेशन राजेंद्रनगर, मोइनुल हक स्टेडियम, पटना विश्वविद्यालय, पीएमसीएच आकाशवाणी स्टेशन हैं। इनका निर्माण कार्य अगले 30 महीने यानी सितंबर 2025 तक पूरा होगा। इसके बाद फिनिशिंग, ट्रैक बिछाने, अंडरग्राउंड स्टेशन बनाने के कार्य होंगे। उधर दानापुर से पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन तक एलिवेटेड मेट्रो का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इसमें दानापुर, सगुना मोड़, आरपीएस मोड़ और पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन शामिल हैं।
3 मिनट पर मिलेगी ट्रेन
दिल्ली मेट्रो से पटना मेट्रो हाइटेक होगा। कारण, तेज परिचालन की मॉनिटरिंग के लिए संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण तकनीक (सीबीटीसी) लगाई जाएगी। यह ट्रेनों की आवाजाही को नियंत्रित करने में मदद करने वाली एक आधुनिक सिग्नलिंग प्रणाली है। यह ट्रेनों और नियंत्रण केंद्र के बीच सूचना प्रसारित करने के लिए एक वायरलेस संचार है। इससे दो ट्रेनों के बीच प्रतीक्षा अवधि कम होती है।
इस तकनीक से स्टेशनों पर प्रत्येक तीन मिनट में ट्रेन मिलेगी। 32.5 किमी लंबी पटना मेट्रो में 24 स्टेशन होंगे। इनमें 12 स्टेशन अंडरग्राउंड और 12 एलिवेटेड हैं। मेट्रो के अधिकारियों के मुताबिक दो साल में 5 एलिवेटेड स्टेशन चालू हो जाएंगे। इनमें पाटलिपुत्र बस टर्निमल, जीरोमाइल, भूतनाथ, खेमनीचक और मलाही पकड़ी शामिल हैं। इसके बाद अन्य स्टेशनों को चालू करने की योजना है।