खेलो इंडिया यूथ गेम्स (KIYG) 2025 में बुधवार का दिन गटका खेल के लिए ऐतिहासिक रहा। गया के आईआईएम कैंपस में आयोजित इस प्रतियोगिता में गटका के सभी 6 स्वर्ण पदक दांव पर थे। शुरुआत में माहौल शांत था, लेकिन स्कूली बच्चों के पहुंचते ही जोश से भर गया। गटका में खिलाड़ी सोटी (लकड़ी की छड़ी) और फर्री (ढाल) का उपयोग करते हुए अधिकतम अंक हासिल करने का प्रयास करते हैं।
गटका के प्रति बढ़ता उत्साह
हर मुकाबले में खिलाड़ियों ने जोश और उत्साह के साथ प्रदर्शन किया। इस आयोजन ने पारंपरिक युद्धकला गटका को नया जीवन देने का संदेश दिया। महाराष्ट्र में गटका की बढ़ती लोकप्रियता पर कोच आरती चौधरी ने बताया कि राज्य में इसका स्थानीय रूप ‘मरदानी’ काफी प्रचलित है। सरकार के समर्थन से पारंपरिक खेलों को नई पहचान मिल रही है।
बिहार का प्रभावशाली प्रदर्शन
बिहार के शिक्षक रवि रोशन ने छात्रों को पारंपरिक खेलों से जोड़ने के उद्देश्य से प्रतियोगिता में भाग दिलाया। उनका मानना है कि इस आयोजन से बिहार में खेलों को बढ़ावा मिलेगा। बुधवार को गटका में बिहार ने 1 रजत और 4 कांस्य समेत कुल 5 पदक जीते।
पदक विजेता
- टीम फर्री सोटी (बालिका)
- स्वर्ण: झारखंड
- रजत: महाराष्ट्र
- कांस्य: बिहार और मध्य प्रदेश
- टीम फर्री सोटी (बालक)
- स्वर्ण: चंडीगढ़
- रजत: पंजाब
- कांस्य: झारखंड और बिहार
- सिंगल सोटी व्यक्तिगत (बालक)
- स्वर्ण: गुरसेवक सिंह (पंजाब)
- रजत: अशदीप सिंह (पंजाब)
- कांस्य: गगनदीप सिंह (दिल्ली), मंदीप सिंह (हरियाणा)
- सिंगल सोटी व्यक्तिगत (बालिका)
- स्वर्ण: तमन्ना (पंजाब)
- रजत: अंशु (बिहार)
- कांस्य: अर्शप्रीत कौर सग्गू (मध्य प्रदेश), अवनीत कौर (पंजाब)
- फर्री सोटी व्यक्तिगत (बालक)
- स्वर्ण: भूपिंदरजीत सिंह (चंडीगढ़)
- रजत: जगदीप सिंह (पंजाब)
- कांस्य: अमितोज सिंह डासन (छत्तीसगढ़), आकाश कुमार शर्मा (बिहार)
- फर्री सोटी व्यक्तिगत (बालिका)
- स्वर्ण: जस्मीत कौर (दिल्ली)
- रजत: जशनदीप कौर (चंडीगढ़)
- कांस्य: कोमल जैन (बिहार), सोनू कौर (पंजाब)
बच्चों में गटका के प्रति बढ़ती रुचि
कक्षा 8 की छात्रा ज़ैनब परवीन ने कहा कि गटका देखने के बाद उनका भी मन हुआ कि वे इस खेल में हिस्सा लें। इस आयोजन से बिहार में पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहन मिलेगा और राज्य का खेलों में भविष्य उज्जवल दिखाई दे रहा है।