बिहार से आई बूथ लूट के प्रयास की खबर; ईवीएम के जमाने में यह कितना संभव- जानें पूरी बात

लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में बिहार की पांच लोकसभा सीटों- बेगूसराय, मुंगेर उजियारपुर, समस्तीपुर और दरभंगा में सोमवार को मतदान हुआ। मतदान अब खत्म हो चुका है, लेकिन इससे पहले वोटिंग के मामले में आगे चल रहे दरभंगा लोकसभा क्षेत्र के दो मतदान केंद्रों पर कब्जे की खबर आई। मतलब, बूथ लूट या बूथ कैप्चरिंग की बात सामने आयी। इस खबर की दरभंगा जिला निर्वाचन पदाधिकारी की ओर से पुष्टि नहीं की गई।

भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ताओं पर बूथ कब्जे के प्रयास का आरोप लगाया। लेकिन, क्या इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के जमाने में यह संभव है? ईवीएम को हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग के बीच बूथ लूट के इस प्रयास का क्या मतलब है? इन दो सवालों का जवाब हमने मतदान प्रक्रिया की ट्रेनिंग ले चुके कई अधिकारियों से लिया और कुल मिलाकर जवाब यही आया कि बहुत टेढ़ी खीर है यह।

बैलेट छाप सकते हैं, ईवीएम समय लेता है
दरभंगा लोकसभा सीट पर मतदान के दौरान सोमवार को दूसरे प्रहर में दरभंगा ग्रामीण विधानसभा के ब्रह्मपुर के भटपुरा मध्य विद्यालय स्थित बूथ संख्या 200 और 201 पर राजद कार्यकर्ताओं के हंगामे की खबर आयी। फिर बताया गया कि बूथ कब्जे का प्रयास किया गया। यह सूचना जिला नियंत्रण कक्ष तक पहुंची तो उक्त बूथ पर भारी संख्या में पुलिस बल को भेजा गया। पुलिस बल ने वहां क्या देखा और यह खबर कितनी सही थी, इस बार में जिला निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की ओर से फिलहाल कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन, मतदान प्रक्रिया के प्रशिक्षण के बाद कई बार ईवीएम से चुनाव कराने में पीठासीन अधिकारी स्तर की जिम्मेदारी निभा चुके राजीव कुमार ने बताया कि EVM किसी वोट को कैप्चर करने में पूरा प्रोसेस करता है और इसके लिए समय भी तय रहता है।

न तो एक लगातार ईवीएम का बटन दबाकर कई वोट डाले जा सकते हैं और न बिना प्रक्रिया हुए अगला वोट पड़ता है। बूथ कैप्चरिंग कर मतदान कर लेना तभी संभव है, जब इत्मिनान से बैठकर यह काम मतदान की आम प्रक्रिया की तरह किया जाए। मतलब, भले ही एक ही आदमी कई वोट डाले, लेकिन उसके पहले मशीनी प्रक्रिया नियत समय पर करे।

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