छेड़छाड़ के आरोपी को जमानत देने वाले जज के न्यायिक कार्यों को करने पर लगाई रोक

छेड़छाड़ के आरोपी को गांव की महिलाओं के कपड़े धोने और इस्त्री करने की शर्त पर जमानत देने वाले बिहार की एक निचली अदालत के जज अब फैसला नहीं सुना पाएंगे। पटना हाईकोर्ट ने मधुबनी जिले के झंझारपुर सिविल कोर्ट के एडीजे (प्रथम) अविनाश कुमार के न्यायिक कार्य करने पर रोक लगा दी है। 

हाईकोर्ट के सूत्रों के अनुसार इस आशय का आदेश शुक्रवार को जारी किया गया और उन्हें अगले आदेश तक न्यायिक कार्यों से दूर रहने को कहा गया है।  गौरतलब है कि हाल के दिनों में झंझारपुर सिविल कोर्ट के जज अविनाश कुमार कुछ अजीबोगरीब फैसले सुनाकर सुर्खियों में थे। उन्होंने कपड़ा धोने, नाली साफ करने तथा बच्चों को दूध पिलाने सहित अन्य आदेश पारित किये थे।

बता दें कि बिहार के मधुबनी जिले की झंझारपुर सिविल कोर्ट के जज अविनाश कुमार ने एक महिला से छेड़छाड़ के आरोपी व्यक्ति को जमानत देने के एवज में एक अजीबोगरीब शर्त रखी थी। अदालत ने आरोपी को अपने गांव की सभी महिलाओं के कपड़े मुफ्त में धोने और इस्त्री (प्रेस) करने का निर्देश दिया था। अतिरिक्त जिला जज अविनाश कुमार ने आरोपी की जमानत मंजूर करते हुए यह आदेश जारी किया था।

अप्रैल महीने से जेल में बंद आरोपी के वकील ने अदालत से कहा था कि उसकी उम्र महज 20 साल है। युवक पेशे से धोबी है और वह समाज की सेवा करना चाहता है। याचिकाकर्ता के वकील ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता सुलह के लिए तैयार है और इस आशय का एक हलफनामा संलग्न किया गया है।

कोर्ट ने आरोपी को जमानत देते हुए आदेश दिया था कि वह अगले छह महीने तक मुफ्त में अपने गांव की सभी महिलाओं के कपड़े धोकर इस्त्री करेगा। छेड़छाड़ मामले में जिला अदालत द्वारा आरोपी को दिया गया यह आदेश काफी चर्चा में है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here