विधानमंडल के मानसून सत्र का बुधवार को तीसरा दिन है। विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण का मामला उठा है। भाजपा और जदयू विधायकों ने सरकार से करुणाकरण कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की मांग की है। दो बच्चों के प्रावधान को लागू करने की मांग सरकार से की गई है। सरकार ने उत्तर देने के लिए समय मांगा है। इसके बाद 2 बजे तक के लिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित हो गई है। उधर, परिषद में पटना में हल्की बारिश में भी जलजमाव का मामला उठा।
विपक्ष के विधायक विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करने को अड़े रहे। इसके बाद स्पीकर विजय सिन्हा ने दोपहर एक बजे कार्य मंत्रणा की बैठक करने का वादा किया। इसके बाद विपक्ष के विधायक सदन के अंदर गए। कार्यवाही शुरू होने के बाद राजद विधायक ललित यादव ने विधायकों से मारपीट का मामला उठाया। जवाब के दौरान मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि विपक्ष के बहिष्कार की खबर से मन उदास हो गया था, आप लोग नहीं रहते, तो मन नहीं लगता। जवाब में राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि पब्लिक है, सब जानती है। संसदीय कार्य मंत्री के बयान पर विपक्षी सदस्यों की टिप्पणी। हम प्रवचन सुनने के लिए सदन में नहीं आए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा पहुंच गए हैं। उधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव भी सदन पहुंचे हैं।
उधर, विधान परिषद में कांग्रेस MLC प्रेमचंद्र मिश्रा ने विधायकों के साथ मारपीट मामले में कार्य स्थगन प्रस्ताव लाया है। सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कार्य स्थगन प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया है। विधान परिषद में संजय प्रकाश ने सवाल किया जून में राज्य में हुई पहली बारिश में बिहार पानी पानी हो गया। कांग्रेस MLC प्रेमचंद्र मिश्रा ने भी 12 साल से जलजमाव के निपटारे को लेकर सरकार क्या कर रही है। इसको लेकर सवाल किया। इसके बाद सभापति ने मुंबई की चर्चा की और कहा कि मुंबई में अतिवृष्टि की वजह से वहां भी काफी पानी जम जाता है। वहीं, डिप्टी सीएम और नगर आवास मंत्री तार किशोर प्रसाद ने कहा कि जबसे उन्होंने पदभार संभाला है उसके बाद नालों की उड़ाही पर लगातार ध्यान दिया है इससे पानी जल्दी निकल जा रहा है।

विधानमंडल के परिसर में प्रदर्शन करते विपक्ष के विधायक।
राजद के ज्यादतर विधायक हेलमेट लगाकर पहुंचे
संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष की पहल की सराहना भी की। साथ ही विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि आप आगे कभी बहिष्कार का फैसला नहीं लें, यही हम चाहते हैं। 23 मार्च की घटना पर हमने अपनी बात रख दी है। इससे पहले राजद के ज्यादतर विधायक बुधवार को भी हेलमेट और काला मास्क लगाकर सदन पहुंचे हैं। वह नीतीश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। विपक्ष के विधायक विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार भी कर रहे हैं। इधर, सदन पहुंचे पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने नारेबाजी कर रहे विपक्ष के विधायकों पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह चाहते ही नहीं है कि सदन की कार्यवाही चले। नितिन नवीन ने यह भी कहा कि चोर मचाए शोर।

विधानसभा गेट पर प्रदर्शन करते विपक्ष के विधायक।
स्वास्थ्य बजट पर ज्यादा खर्च करने की मांग
बिहार विधानसभा के बाहर नारेबाजी कर रहे विधायकों ने कहा कि कोरोना से हुई मौतों का आंकड़ा छिपाना सरकार बंद कर दे। सभी मृतक के परिजनों को चार लाख रुपए का मुआवजा दो। साथ ही राज्य की कुल बजट का 10% स्वास्थ्य पर खर्च करने की मांग की। उधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मंगलवार को ही विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि विपक्ष के विधायक विधानमंडल परिसर में आएंगे, लेकिन विधानसभा के अंदर नहीं जाएंगे। उनकी शर्तों को सरकार मानेगी तो सदन के अंदर जा सकते हैं। उन्होंने कहा था कि विधायकों की मारपीट मामले में सदन में बहस होनी चाहिए। सरकार इससे भाग नहीं सकती है।

हेलमेट पहन कर प्रदर्शन कर रहे हैं राजद के विधायक।
सत्र के दूसरे दिन तीन विधेयक पारित हुए थे
विधानमंडल के मानसून सत्र का दूसरा दिन मंगलवार को हंगामेदार रहा था। विपक्ष की गैर मौजूदगी में ही विधानसभा से तीन विधेयक पारित किए गए थे। आर्य भट्ट ज्ञान विवि संशोधन विधेयक- 2021 और बिहार खेल विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक को मंजूरी मिली थी। इसके अलावा बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक 2021 को भी मंजूरी मिल गई थी।