अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला: सुप्रीम कोर्ट ने क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका की खारिज

अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आरोपी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। चीफ जस्टिस (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि जेम्स की यह दलील स्वीकार नहीं की जा सकती कि उसे इस आधार पर जमानत पर रिहा किया जाए कि वह मामलों में आधी सजा काट चुका है।

इस घोटाले के संबंध में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने दो अलग-अलग मामले दर्ज किये हैं। गौरतलब है कि 3,600 करोड़ रुपये का यह कथित घोटाला अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद से संबंधित है।  क्रिश्चियन मिशेल जेम्स ब्रिटेन का निवासी है। उसे दिसंबर 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था और तब से वह हिरासत में है। बीते साल मई में शीर्ष अदालत ने जेम्स की जमानत याचिकाओं पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब मांगा था।

पिछली सुनवाई के दौरान, अभियुक्त के वकील ने कहा था कि मामला सीआरपीसी की धारा 436ए के तहत कवर किया गया था। उन्होंने यह भी कहा था कि जेम्स ने कथित रूप से उसके द्वारा किए गए अपराध के लिए 50 प्रतिशत सजा काट ली थी। 

क्रिश्चियन मिशेल के वकील का दावा है कि उसके खिलाफ जांच अभी पूरी नहीं हुई है। वकील ने कहा था कि याचिकाकर्ता जिस मामले में जेल में बंद है वह भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 8 और 9 के तहत है। इसमें अधिकतम सजा पांच साल जेल है, इसमें से वह करीब चार साल जेल में बिता चुका है।

वहीं, जांच एजेंसियों की ओर से अदालत कोर्ट में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि बड़ी मुश्किल से एजेंसियों को आरोपी की हिरासत मिली है। साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 436ए ईडी की कार्यवाही पर लागू नहीं होगी।

मामले में आरोपी जेम्स ने दिल्ली हाईकोर्ट के 11 मार्च, 2022 के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। सीबीआई और ईडी के दोनों मामलों में अपनी रिहाई की मांग करते हुए आरोपी ने कहा था कि जांच के लिए उसकी जरूरत नहीं है बावजूद इसके उसने जांच में सहयोग करने की इच्छा जताई थी।

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