माघ पूर्णिमा और बसंत पंचमी का दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संगम नगरी प्रयागराज के महाकुंभ में डुबकी लगा रहे थे, यह गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि थी. धार्मिक दृष्टि से यह दिन स्नान-ध्यान और धार्मिक तप करना फलदायी माना जाता है. पीएम मोदी जिस वक्त संगम स्नान और गंगा मां की आरती कर रहे थे तो उस दिन दिल्ली वाले विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाल रहे थे. मोदी ने भले ही महाकुंभ में स्नान किया, लेकिन उसका असर ये रहा कि दिल्ली के चुनावी ‘महाकुंभ’ में बीजेपी का ‘अमृत स्नान’ हो गया.
दिल्ली में बीजेपी का 27 साल से चला आ रहा सत्ता का वनवास खत्म हो गया है. बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करती दिख रही है. आम आदमी पार्टी के सभी दिग्गज नेता चारों खाने चित हो गए हैं. बीजेपी की जीत के साथ ही आम आदमी पार्टी का गढ़ ढह गया. पार्टी ने न केवल जीत दर्ज की, बल्कि प्रभावशाली तरीके से चुनाव में बढ़त बनाई. दिल्ली में बीजेपी की जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है, जिन्होंने महज तीन दिनों में दिल्ली की सियासी फिजा को आम आदमी पार्टी के खिलाफ और बीजेपी के पक्ष में करके दिखाया.
2024 के लोकसभा चुनावों में अपेक्षित सफलता न मिलने के बाद यह चर्चा तेज हो गई थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता घट रही है. कांग्रेस और राहुल गांधी को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही थीं कि वे अब एक सशक्त विकल्प बन सकते हैं, लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र के बाद बीजेपी की दिल्ली में जिस तरह से आम आदमी पार्टी को शिकस्त दी है, उससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि पीएम मोदी की नेतृत्व क्षमता अब भी बरकरार है और उनके सामने कोई ठोस विकल्प नहीं है.
कुंभ से हिंदुत्व का एजेंडा सेट किया
महाकुंभ से सियासी संदेश देने के लिए पीएम मोदी ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई. संगम में डुबकी की तारीख सियासी और आध्यात्मिक दोनों नजरिए से महत्वपूर्ण मानी जा रही है. 2014 के बाद से यह देखा गया है कि जब भी किसी राज्य या फिर लोकसभा चुनाव के वोटिंग का दिन होता है तो उस ही दिन पीएम मोदी किसी न किसी धार्मिक स्थल पर गए होते हैं. दिल्ली विधानसभा चुनाव के वोटिंग के बीच पीएम मोदी ने जिस तरह महाकुंभ जाने और संगम में स्नान किया था. पीएम मोदी के महाकुंभ में डुबकी से बीजेपी के हिंदुत्व और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को धार मिली, जिसका सियासी लाभ दिल्ली चुनाव में मिला.
केजरीवाल के खिलाफ बनाया माहौल
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के खिलाफ पीएम मोदी ने सियासी माहौल बनाने की कोशिश की. पीएम मोदी ने चुनाव ऐलान से ठीक चंद दिन पहले दिल्ली को विकास की सौगात से नवाजा और आम आदमी पार्टी को दिल्ली की ‘आप-दा ‘बताया था. उन्होंने दिल्ली को शुद्ध हवा और पानी तक उपलब्ध नहीं कराने के लिए हमला करते हुए नजर आए. इसके बाद दिल्ली के अलग-अलग इलाके में तीन बड़ी रैलियां करके यह बताने के कोशिश की है, दिल्ली को केजरीवाल ने स्लम बना दिया है. इसके अलावा दिल्ली में तमाम योजनाओं को लागू करने की गारंटी पीएम मोदी ने खुद दिया और बताया कि यह मोदी की गारंटी होगी और उसे हरहाल में लागू करेंगे.
पीएम मोदी का दिल्ली वोटिंग के दिन महाकुंभ में डुबकी लगाने का असर दिल्ली की सियासत पर भी पड़ा. पीएम मोदी के महाकुंभ से बीजेपी के कोर वोटर्स का भी मनोबल बढ़ेगा, जो वोटिंग टर्न आउट पर पड़ा. इसके चलते ही दिल्ली के फ्लोटिंग वोटर्स बीजेपी की तरफ शिफ्ट हो गया है, जिसका असर नतीजे में भी दिख रहा है. बीजेपी 45 सीटों से ज्यादा जीतती हुई नजर आ रही है और आम आदमी पार्टी 24 सीटों पर सिमटती नजर आ रही. यही नहीं बीजेपी को दिल्ली में 50 फीसदी के करीब वोट शेयर मिला है.