जनगणना 2021 के तहत देश के नागरिकों को ऑनलाइन प्रविष्टियां करने की भी सुविधा दी जाएगी। सरकार ने इसके लिए जनगणना नियमों में बदलाव की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही हमेशा की तरह कागजी जनगणना के लिए टीमें घर-घर भी पहुंचेंगी। जो लोग चाहेंगे वे ऑनलाइन माध्यम से गणना कर प्रविष्टी जमा करा सकेंगे।
जनगणना संशोधन नियम 2022 की अधिसूचना शुक्रवार रात जारी की गई। इसमें ‘इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप’ शब्द का वही अर्थ होगा जो सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2000 की धारा 2 की उप-धारा (1) के खंड (आर) में दिया गया है। इसके तहत मीडिया, चुंबकीय, ऑप्टिकल, कंप्यूटर मेमोरी, माइक्रो फिल्म, कंप्यूटर जनित माइक्रो फिश या इसी तरह के उपकरण में उत्पन्न, भेजी, प्राप्त या संग्रहीत कोई भी जानकारी को इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप वाली माना जाएगा।
जनगणना के तहत मकानों के सूचीकरण का चरण और एनपीआर को अपडेट करने का काम 1 अप्रैल से 30 सितंबर, 2020 तक पूरे देश में होना था, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। जनगणना कार्यक्रम अब भी रूका हुआ है और सरकार को अभी नया कार्यक्रम जारी करना है।
नए नियम में स्व-गणना के तहत आवेदकों को स्वयं जनगणना अनुसूची को भरने, पूरा करने और प्रस्तुत करना की इजाजत दी गई है। इसी तरह मीडिया शब्द को इलेक्ट्रॉनिक या किसी अन्य मीडिया से बदल दिया गया है। स्व-गणना के माध्यम से जनगणना अनुसूची को भरने की अनुमति देने के लिए नियम 6 में एक खंड जोड़ा गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचित नियमों के अनुसार, इन नियमों के किसी भी अन्य प्रावधान के पूर्वाग्रह के बिना, कोई व्यक्ति स्व-गणना के माध्यम से जनगणना अनुसूची भर सकता है, पूरा कर सकता है और जमा कर सकता है।