कोरोना: दिल्ली सरकार ने स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी की

दिल्ली में कोरोना के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं. ऐसे में सरकार ने भी कमर कस ली है. ऐसे में सरकार की तरफ से स्कूलों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है. हालांकि, सरकार स्कूलों को बंद करने के मूड में नहीं है.

एसओपी की जारी

दिल्ली सरकार ने स्कूलों में COVID-19 के प्रसार को रोकने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी की है. इसके तहत हर स्कूल में क्वारंटाइन सेंटर बने होने चाहिए. स्कूल टीचर छात्रों से रोजाना पूछेंगे कि उनको या उनके घर के किसी सदस्य को कोरोना के लक्षण तो नहीं है.

बुक भी नहीं होगी शेयर

सरकार के गाइडलाइन में कहा गया है कि स्कूल में लंच पर रोक लगनी चाहिए. इसके साथ ही किताबों की शेयरिंग भी बंद होनी चाहिए. गेट पर बिना थर्मल स्कैनिंग के किसी को एंट्री नहीं दी जाए. छात्रों के हेल्थ की रोजाना निगरानी करनी होगी. स्कूलों में भीड़ को नियंत्रित किए जाने की जरूरत है. खासकर स्कूल में आते और जाते समय भीड़ न लगने दें.

टेस्ट कराने पर बच्चे को स्कूल न भेजें

इसके साथ ही कहा माता-पिता को सलाह दी गई है कि अगर घर में कोई भी कोविड-19 टेस्ट कराता है तो वे अपने बच्चों को स्कूल न भेजें. बता दें कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की बैठक में बीते दिनों फैसला लिया गया था कि स्कूल कोरोना के चलते बंद नहीं किए जाएंगे. SOP के जरिए स्कूलों में कोरोना से निपटने की तैयारी होगी. इसके तहत दिल्ली सरकार ने SOP जारी की है.

दिल्ली सरकार की SOP:-

1- स्कूल प्रबंधन समिति और PTA के साथ बैठक करने की सलाह 

2- स्टूडेंट्स को आपस में लंच और किताबों को शेयर नहीं करेंगे

3- लक्षणों की समय-समय पर जांच होनी चाहिए

4- किसी में लक्षण मिलते हैं तो उसकी एंट्री तुरंत रोक लगाएं

5- स्कूल के हेड को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी स्टूडेंट्स, स्टाफ, गेस्ट्स चेहरे पर सही तरीके से मास्क रहे 

6- स्कूलों में समय-समय पर सैनिटाइजेशन होते रहे

7- किसी में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाते हैं तो फिर जोनल डिस्ट्रिक्ट अथॉरिटी को जानकारी दें 

8- स्कूलों में क्वारंटाइन रूम, रूटीन गेस्ट्स की संख्या में कमी लाने और कोविड-19 के बारे में अवेयरनेस ड्राइव चलाया जाए 

बता दें कि दिल्ली में कोविड-19 के संक्रिय मरीजों की संख्या 3 हजार से अधिक हो गई है. दिल्ली में बीते 24 घंटे में कोरोना के 965 नए मरीज मिले हैं. पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो अब यह 4.71 फीसदी हो गई है. इस दौरान  1 मरीज की मौत भी हुई है. 

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