दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्ला खान ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आश्वासन मांगा कि सेंट्रल विस्टा परियोजना की वजह से किसी भी मस्जिद को कोई नुकसान नहीं होगा. ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक खान ने पत्र में कहा कि सोशल मीडिया पर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं कि परियोजना के चलते कुछ मस्जिदों को तोड़ा जा सकता है.
उन्होंने ट्वीट किया, ”सेंट्रल विस्टा परियोजना की वजह से मानसिंह रोड पर ज़ाब्ता गंज मस्जिद, उपराष्ट्रपति आवास की मस्जिद और कृषि भवन की मस्जिद को नुक़सान पहुंचाया जा सकता है. इस संदर्भ में हम प्रधानमंत्री कार्यालय और हरदीप सिंह जी से चर्चा करेंगे. किसी भी हालत में इन मस्जिदों को नुकसान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.”
‘सेंट्रल विस्टा को लेकर गढ़ा जा रहा गलत विमर्श’
कुछ दिनों पहले ही विपक्ष को निशाने पर लेते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना को लेकर एक गलत विमर्श गढ़ा जा रहा है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह “व्यर्थ परियोजना” नहीं, बल्कि एक आवश्यकता है. इस परियोजना के विरुद्ध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुली चिट्ठी लिखने वाले 60 पूर्व नौकरशाहों पर निशाना साधते हुए पुरी ने कहा, ‘‘वे पढ़े-लिखे बेवकूफ नहीं, बल्कि देश के लिए बदनामी हैं.’’
उन्होंने कहा कि पूर्व नौकरशाहों ने आरोप लगाया कि सरकार नया संसद भवन ‘अंधविश्वास’ के चलते बना रही है. पुरी का ही मंत्रालय सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का कार्यान्वयन कर रहा है. उन्होंने कहा कि 2012 में तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के विशेष कार्य अधिकारी ने नए संसद भवन के लिए केंद्रीय शहरी विकास सचिव को पत्र लिखा था और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने भी नए भवन की पैरवी की थी.