दिल्ली: सरकार ने अस्पतालों में 500 कोविड बेड बढ़ाए, 110 ICU बेड भी शामिल

दिल्‍ली सरकार ने निजी अस्‍पतालो में आईसीयू बेड्स रिजर्व करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार के फैसले को पलट दिया था। सरकार चाहती थी कि निजी अस्‍पतालों में 80% बेड आईसीयू बेड की तरह रिजर्व रखे जाएं। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सत्‍येंद्र जैन ने कहा, ‘हमने सुप्रीम कोर्ट में स्‍पेशल लीव पिटीशन (SLP) दायर की है।’ उन्‍होंने कहा कि दिल्‍ली के सरकारी अस्‍पतालों में आईसीयू बेड्स अब भी उपलब्‍ध हैं।


दिल्‍ली के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के अनुसार, रईसों को निजी अस्‍पताल में भर्ती होना बेहतर लगता है, इस वजह से वहां आईसीयू बेड्स की कमी हो गई है। जैन ने कहा, “चूंकि संपन्‍न लोग सरकारी अस्‍पतालों के बजाय निजी अस्‍पतालों को प्राथमिकता देते हैं इसलिए उन्‍हें निजी अस्‍पतालों में दिक्‍कत हो रही है।” उन्‍होंने बताया कि दिल्‍ली सरकार ने राजधानी के सरकारी अस्‍पतालों में 500 कोविड बेड्स और जोड़े हैं जिनमें 110 आईसीयू बेड्स भी शामिल हैं। इसके अलावा निजी अस्‍पतालों में भी 685 बेड और बढ़े हैं।

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने 14 प्राइवेट अस्पतालों में भी बेड बढ़ाने का आदेश जारी किया है। नए आदेश के बाद इन 14 अस्पतालों को 50 पर्सेंट कोविड के लिए रिजर्व करने को कहा गया है।इस आदेश के बाद अब दिल्ली में प्राइवेट अस्पतालों में 685 बेड और हो जाएंगे। इन 14 अस्पतालों में कोविड के लिए बेडों की संख्या बढ़ कर 2442 हो जाएगी। इन अस्पतालों में कोविड मरीजों का इलाज पहले से हो रहा है।

माता चानन देवी अस्पताल में पहले 100 बेड थे, अब वहां पर 105 किया गया है। मेट्रो अस्पताल में बेड की संख्या 72 से बढ़ा कर 78, वेंकटेश्वर अस्पताल में 115 से 125, सेंट स्टीफंस में 250 से 298, अपोलो में 300 से 359, फोर्टिस शालीमार बाग में 100 से 131, मैक्स पटपड़गंज में 150 से 200, बीएलके में 160 से 233, फोर्टिस ओखला में 100 से 155, मैक्स साकेत में 100 से 164, धर्मशिला में 60 से 100, तीरथ राम में 60 से 100, संत परमानंद में 39 से 77 और गंगाराम अस्पाल में 150 से 318 बेड करने के आदेश दिए गए हैं।

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