दिल्ली सरकार के रवैये के कारण राशन लेने से वंचित रह गये हजारों मजबूर: पात्रा

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली सरकार की ‘घर-घर राशन’ योजना पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते हुए कहा कि वन नेशन-वन राशन कार्ड का प्रावधान केंद्र सरकार ने किया है। लेकिन दिल्ली सरकार ने अड़ियल रुख अपनाते हुए इस विषय पर आगे बढ़ने से मना कर दिया, जिस कारण हजारों मजदूर आज राशन लेने से वंचित रह गए हैं। 

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने रविवार को एक वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि केजरीवाल ने ‘घर-घर राशन ‘ योजना को इस प्रकार पेश किया है जैसे कि दिल्ली की जनता को उनके अधिकार से वंचित रखा जा रहा है जबकि ऐसा नहीं है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत दिल्ली में भी जरूरतमंदों को राशन पहुंचाया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मई और 5 जून तक दिल्ली को तय कोटे से अधिक 72,782 मीट्रिक टन अनाज भेजा गया है। दिल्ली अभी तक करीब 53,000 मीट्रिक टन अनाज ही उठा पाई है और इसका मात्र 68 प्रतिशत ही वो जनता को बांट पाए हैं। 

भाजपा नेता ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के अंतर्गत गेहूं पर केजरीवाल मात्र 2 रुपये प्रति किलो देते हैं और केंद्र सरकार 23.7 रुपये प्रति किलो देती है। चावल केजरीवाल मात्र 3 रुपये प्रति किलो देते हैं और केंद्र सरकार 33.79 रुपये प्रति किलो देते ही। पात्रा ने कहा कि केजरीवाल सरकार इसके अतिरिक्त भी राशन बांटना चाहती है , तो इसके लिए वो जो नोटिफाइड रेट हैं, उस पर राशन खरीदा जा सकता है। इस पर किसी प्रकार की आपत्ति केंद्र सरकार को या किसी को नहीं होगी। 

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