चुनाव आयोग (ईसी) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया है कि वह प्रोटोकॉल के अनुसार उत्तर प्रदेश में रामपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए ईवीएम के संबंध में वीडियो फुटेज को संरक्षित करेगा। चुनाव आयोग का बयान वकील महमूद प्राचा द्वार दायर एक याचिका पर आया है, जो रामपुर के एक चुनाव प्रतियोगी थे। इन्होंने वीडियो फुटेज की सुरक्षा के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र के संबंध में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर मैनुअल का पालन करने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की थी।
चुनाव आयोग के वकील सिद्धांत कुमार ने कहा कि किसी भी स्थिति में आयोग प्रत्येक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनावी प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में वीडियोग्राफी या सीसीटीवी कवरेज के संरक्षण के लिए प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए बाध्य है। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने चुनाव आयोग के रुख को रिकॉर्ड पर लिया और कहा, ‘याचिकाकर्ता द्वारा किसी और राहत के लिए दबाव नहीं डाला गया है। वर्तमान याचिका का उपरोक्त शर्तों के अनुसार निपटारा किया जाता है।’
इस महीने की शुरुआत में अदालत ने चुनाव आयोग से ईवीएम के संबंध में की गई वीडियोग्राफी और बनाए गए सीसीटीवी फुटेज और चुनावी प्रक्रिया के वीडियो फुटेज को संरक्षित करने के लिए अपनाए जा रहे दिशा निर्देशों पर एक हलफनामा दाखिल करने को कहा था। चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम मैनुअल में निर्धारित निर्देशों और पारित निर्देशों के अनुसार, चुनावी प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में वीडियोग्राफी या सीसीटीवी कवरेज को संरक्षित करने के लिए समय-समय पर कदम उठाए गए हैं।