दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार और भाजपा की जीत के बाद कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता ने किसी को हराने के लिए वोट नहीं दिया, बल्कि अरविंद केजरीवाल को हटाने का फैसला पहले ही कर लिया था।
कांग्रेस-आप साथ होते तो क्या होता
आगे कहा कि अगर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस साथ मिलकर चुनाव लड़ते तो भी नतीजे अलग नहीं होते, बल्कि और भी बुरे हो सकते थे। जनता ने यह ठान लिया था कि अरविंद केजरीवाल को सत्ता से बाहर करना है। अगर उनके साथ सात-आठ क्या 10 पार्टियां भी आ जातीं तो भी वे हारते। उन्होंने अरविंद केजरीवाल की हार के पीछे उनके कुशासन और भ्रष्टाचार को मुख्य कारण बताया।
‘बीते तीन सालों में आप ने किए गलत काम’
संदीप दीक्षित ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार ने पिछले तीन वर्षों में कई गलत काम किए, जिनकी वजह से जनता ने उनके खिलाफ वोट डाला। अगर उन्हें सत्ता में बने रहना था, तो उन्हें हमारी पार्टी (कांग्रेस) को गाली नहीं देनी चाहिए थी। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि केजरीवाल सरकार की नीतियों और भ्रष्टाचार को लेकर जनता में गुस्सा था, जिसका नतीजा चुनाव में देखने को मिला।
‘कांग्रेस को गालियां देना बंद करें’
उन्होंने कहा कि अगर केजरीवाल को इस हार से बचना था, तो उन्हें गलत काम करने से बचना चाहिए था। विपक्ष और कांग्रेस नेताओं को गालियां देना बंद करना चाहिए था। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और जनता ने उन्हें सबक सिखा दिया। कांग्रेस को इस चुनाव में एक भी सीट नहीं मिलने पर संदीप दीक्षित ने कहा कि पार्टी ने जो मुद्दे उठाए, उससे ‘एंटी-आप’ माहौल बना। हमने जनता के बीच आम आदमी पार्टी सरकार के भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाए।
इस वजह से दिल्ली में हारी ‘आप’
भाजपा ने शीशमहल और कुछ अन्य मुद्दे उठाए, लेकिन सिर्फ इनसे सरकारें नहीं बदलतीं। इस बार लोगों ने आम आदमी पार्टी के कुशासन और भ्रष्टाचार के खिलाफ वोट दिया है। संदीप दीक्षित ने इस बात को भी खारिज कर दिया कि अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन में होते, तो चुनाव परिणाम अलग होते। उन्होंने कहा कि जनता पूरी तरह केजरीवाल सरकार के खिलाफ थी और उसे हटाने का फैसला कर चुकी थी।