कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगने वाली विभिन्न राज्यों की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है. सरकार के साथ उनकी कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन सभी बेनतीजा रही है. एक तरफ किसान संगंठन के नेता तीनों कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं, वहीं सरकार ने भी अपनी मंशा साफ कर दी है. आंदोलन कर रहे किसानों को बढ़ती ठंड की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा, ‘लगभग दो महीनों से हम ठंड के मौसम में परेशान हो रहे हैं. सरकार हमें ‘तारीख पे तारीख’ दे रही है. इस मामले को टालने की कोशिश कर रही है ताकि हम थक जाएं और जगह छोड़ दें. यह उनकी साजिश है.’
नए कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच शुक्रवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई नौवें दौर की वार्ता भी एक बार फिर बेनतीजा रही. इस समस्या का समाधान तलाशने के लिए 19 जनवरी को 10वें दौर की बैठक होगी. बैठक के दौरान किसान नेता इन तीनों कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग को लेकर टस से मस नहीं हुए.
नए कृषि कानूनों के खिलाफ में दिल्ली की सीमाओं पर 51वें दिन भी किसानों का प्रदर्शन जारी है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से समिति गठित करने के बाद भी किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. हालांकि, किसानों और सरकार के बीच आज हुई नौवें दौर की वार्ता से पहले ही किसान नेताओं का कहना था कि उम्मीद नहीं है कि इस बातचीत से कोई समाधान निकलेगा.