गुरुग्राम: मलवे में दबे अरुण श्रीवास्तव को सुरक्षित निकाला गया

जिसकी रक्षा खुद भगवान करे उसका मौत भी कुछ नहीं बिगाड़ सकती। यह कहावत गुरुग्राम में इमारत हादसे में फंसे अरुण श्रीवास्तव पर सटीक बैठती है। गुरुग्राम के सेक्टर 109 में चिनटेल पैराडाइज अपार्टमेंट के छठे प्लोर के लिविंग रूम की छत गिरने से हुए भीषण हादसे में फंसे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अधिकारी अरुण श्रीवास्तव को 16 घंटे से भी ज्यादा समय के बाद मलबे से सुरक्षित निकालने में कामयाबी मिली है। सकुशल बाहर निकालने के बाद अब उन्हें गुरुग्राम के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। हालांकि उनके लिए बीते करीब 17 घंटे किसी बुरे सपने से कम नहीं थे। आगे जानिए इन लगभग 17 घंटों की कहानी…

तस्वीर में एक तरफ फंसे अरुण श्रीवास्तव दूसरी तरफ पड़ा उनकी पत्नी का शव

रेस्क्यू का एक दर्दनाक वीडियो आया सामने

डीसी निशांत कुमार यादव के नेतृत्व व मार्गदर्शन में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व सिविल डिफेंस की टीमों ने 16 घंटे से ज्यादा तक लगातार राहत व बचाव ऑपरेशन के बाद यह सफलता हासिल की है। हालांकि अरुण श्रीवास्तव की पत्नी का शव टीमें अब तक नहीं निकाल सकीं हैं और उसे निकालने का कार्य अब भी जारी है। इस तरह इस हादसे में कल से अब तक कुल दो महिलाओं की मौत हो चुकी है। एक के शव को कल रात निकाला गया था। इस हादसे की जांच अतिरिक्त जिलाधीश विश्राम कुमार मीणा को सौंपी गई है। पीएमओ में तैनात अफसर अरुण श्रीवास्तव के निकाले जाने का एक वीडियो सामने आया है जिसमें एक ओर उनका पैर बुरी तरह से मलबे में फंसा हुआ है और बगल में ही उनकी पत्नी का शव देखा जा सकता है।विज्ञापन

अरुण श्रीवास्तव को मलबे से निकालकर स्ट्रेचर पर ले जाते एनडीआरएफ कर्मी

पत्नी ने आंखों के सामने तोड़ा दम, 16 घंटे से भी ज्यादा समय तक बगल में बैठे रहे लाचार

अधिकारी अरुण श्रीवास्तव बीती शाम के हादसे के बाद से ही एक जगह पर लाचार बैठे हुए थे। हादसे के कारण उनके पांव का पंजा इस तरह से मलबे में फंस गया था कि वह जरा भी हिल-डुल नहीं पा रहे थे। वहीं उनके बगल में ही उनकी पत्नी की मलबे में दबी लाश पड़ी थी। माना जा रहा है कि उनकी आंखों के सामने ही उनकी पत्नी ने दम तोड़ा और वह कुछ न कर सके।

इमारत में ऐसे घुसी थी एनडीआरएफ की टीम

देर रात तक किया गया था बचाने का प्रयास

बीती रात ही कई बार लगा था कि अरुण श्रीवास्तव को बचा लिया जाएगा लेकिन उन्हें आज सुबह ही निकाला जा सका। उनकी हालत और पत्नी की मौत देखकर एनडीआरएफ कर्मियों के भी दिल पसीज गए थे। सभी उन्हें बचाने के लिए कल से ही पूरा प्रयास कर रहे थे लेकिन कामयाब न हो सके। 16 घंटे से भी ज्यादा समय बाद वह निकाले जा सके। जब उन्हें स्ट्रेटर पर एनडीआरएफ कर्मी बाहर लाए तो सभी ने तालियां बजाकर पूरी गर्मजोशी ने अरुण श्रीवास्तव और बचाव दल का स्वागत किया।

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8-10 दिन बाद कल ही वापस लौटे थे दंपती और शाम तक हो गया हादसा

जानकारी के अनुसार अरुण श्रीवास्तव 8-10 दिन बाद कल ही अपनी पत्नी के साथ वापस अपने फ्लैट पर लौटे थे और शाम को उनके साथ यह दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें उनकी पत्नी की जान चली गई।

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