दिल्ली में अवैध फेरीवालों की बढ़ती संख्या पर हाईकोर्ट ने जताई चिंता

दिल्ली हाई कोर्ट ने देश की राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ती अवैध फेरीवालों की संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हम शहर को बर्बाद होते नहीं देख सकते हैं. कोर्ट यहां कानूनी शासन की रक्षा के लिए हैं. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली का क्षेत्रफल सीमित है, लेकिन अब ऐसा लगने लगा है कि यह फट सा रहा है. दिल्ली की आबादी बढती जा रही है. कोर्ट ने पुलिस और प्रशासन से सवाल किया है कि आप यहां कितने वेंडर्स को फेरी लगाने की परमिशन देने जा रहे हैं? कोर्ट ने मामले में दिल्ली सरकार, उत्तरी दिल्ली नगर निगम और टाउन वेंडिंग कमेटी (TVC) से दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.

जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि आज हमें दिल्ली में अनियंत्रित फेरीवालों की बढ़ती संख्या है और दिल्ली के सीमित क्षेत्रफल के बावजूद बढ़ती जनसंख्या परेशान कर रही है, ऐसे में हम निकाय से पूछना चाहते हैं कि वो कितने विक्रेताओं को अनुमति देने जा रहा है? दिल्ली में कितने जोन हैं? वे लोग कहां पर फेरी लगाएंगे, 120 तहबाजारी की जगह पर लगभग 4 हजार वेंडर हैं, इन बाजारों में लोग चलते कहां होंगे? कोर्ट ने कहा कि हम एक और लाजपत नगर नहीं चाहते हैं. हमें दूसरा नेहरू प्लेस भी नहीं चाहिए, अथोरिटी बताएं कि इसे रोकने के लिए क्या योजना है?

योजना है मूल कानून तथा नियमों के विपरीत

दरअसल, कोर्ट ने यह टिप्पणी चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दी है. याचिका में दिल्ली में रेहड़ी पटरी विक्रेताओं के लिए बनीं (जीविका संरक्षण और पथ विक्रय विनियमन) योजना, 2019 के क‌ई प्रावधानों को रद्द करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि यह योजना मनमाना, भेदभावपूर्ण, अवैध और मूल कानून तथा नियमों के विपरीत है.

देश के पहले समलैंगिक जज हो सकते हैं सौरभ कृपाल

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमण की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने अधिवक्ता सौरभ कृपाल को दिल्ली हाई कोर्ट का जज नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. सबसे बड़ी बात ये है कि वह देश के पहले समलैंगिक जज हो सकते हैं.

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