स्ट्रीट वेंडिंग योजना तैयार नहीं करने पर हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पर्याप्त राजनीति और मजाक हो चुका है, आप काम करें। न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने इसके साथ ही एनडीएमसी क्षेत्र के लिए टाउन वेंडिंग कमेटी (टीवीसी) के गठन पर भी सवाल उठाया।
पीठ ने कहा कि प्रशासन को रेहड़ी-पटरी वालों के हाथों फिरौती के लिए नहीं रखा जा सकता है। यह ध्यान रखें कि अदालत ने कनाट प्लेस क्षेत्र से अवैध विक्रेताओं और फेरीवालों को हटाने का आदेश इसलिए दिया क्योंकि यह ‘नो हॉकिंग’ जोन में है।
आप सद्भावना के साथ करते तो चीजें अलग होतीं
पीठ ने पूछा स्ट्रीट वेंडिंग योजना कहां है? आपको पहले योजना के साथ आना चाहिए। दुर्भाग्य से, हमें बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आप लोग उस तरह काम नहीं कर रहे हैं जिस तरह स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट बनाया गया था। लोग इसका फायदा उठा रहे हैं। अगर आप इसे सद्भावना के साथ करते तो आज चीजें अलग होतीं।
नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि राजनीति न करें, हमारा मतलब काम और सिर्फ काम से है। पीठ ने नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) क्षेत्र के लिए टीवीसी के गठन के तरीके पर भी सवाल उठाया।
बड़े बाजरों के प्रतिनिधियों को शामिल न करने पर हैरानी
पीठ ने कहा कि इसमें छोटे बाजारों के प्रतिनिधि शामिल हैं, लेकिन कनाट प्लेस, सरोजिनी नगर, खान मार्केट, जनपथ, बंगाली मार्केट, गोल मार्केट के दुकानदारों को शामिल नहीं किया गया है। आपने इस टीवीसी को बनाते समय गंभीरता से काम नहीं किया है। आप एनडीएमसी क्षेत्र के लिए टीवीसी बना रहे हैं और आप कनाट प्लेस और सरोजिनी नगर के प्रतिनिधियों को शामिल नहीं कर रहे हैं। हमें लगता है कि पूरी प्रक्रिया गड़बड़ है।
एसोसिएशन की याचिका पर पीठ ने नोटिस जारी करते हुए दिल्ली सरकार और एनडीएमसी से जवाब मांगा। दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वह विशेष रूप से हलफनामे में एनडीएमसी क्षेत्र के लिए वर्तमान टीवीसी के गठन के औचित्य के बारे में बताए। एसोसिएशन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव रल्ली और वकील मोहित मुद्गल ने कहा कि पूरे एनडीएमसी क्षेत्र के लिए एक टीवीसी के गठन के लिए दिल्ली सरकार द्वारा जारी 17 सितंबर 2019 की अधिसूचना को रद किया जाए।