इज्जत देंगे तो इज्जत मिलेगी… इंडिया गठबंधन में मतभेद पर बोले इमरान मसूद

दिल्ली में विधानसभा चुनाव प्रचार के बीच सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने इंडिया गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर मसूद ने कहा है कि बिना फेरो और निकाह की शादी होगी क्या? उन्होंने आगे कहा कि 2027 में हमारा गठबंधन बिल्कुल रहेगा, लेकिन 17 और 80 फॉर्मूले पर नहीं होगा न ही ये फार्मूला चलेगा. आप इज्जत दोगे तो इज्जत से रहेंगे. इज्जत नहीं दोगे तो नहीं रहेंगे. हम अपनी तैयारी पूरी कर रहे हैं और चुनाव लड़ेंगे.

दरअसल, इमरान मसूद से दिल्ली चुनाव को लेकर सवाल किया गया. उनसे पूछा गया कि दिल्ली में सपा ने आम आदमी पार्टी को समर्थन दिया है तो 2027 में इंडिया गठबंधन रहेगा या नहीं. इसके जवाब में उन्होंने बिना फेरो और निकाह की शादी का उदाहरण दिया. उन्होंने अपना यह वीडियो सोशल मीडिया हैंडल पर भी शेयर किया है.

तीनों ही पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा

2014 में हुए लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस तीनों ही इंडिया गठबंधन हिस्सा रही थीं. यूपी में समाजवादी पार्टी की तुलना में कांग्रेस कमजोर थी तो सीट शेयरिंग में उसे 17 सीटें मिली थीं. अब उसी समाजवादी पार्टी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी को समर्थन दे दिया है जबकि कांग्रेस AAP के खिलाफ मैदान में उतरी है. ऐसे में कहा जा रहा है कि इंडिया गठबंधन में दरार आ गई है.

यूपी में 2027 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में इमरान मसूद का यह बयान पार्टी पर कितना प्रभाव डालती है ये आने वाला समय ही बताएगा. फिलहाल कांग्रेस का फोकस दिल्ली पर है. यहां एक तरफ सत्ताधारी आम आदमी पार्टी है तो दूसरी ओर बीजेपी है. कांग्रेस-AAP और कांग्रेस के बीच लड़ाई ने त्रिकोणीय हो गई है.

दिल्ली में कांग्रेस अपने दम पर मैदान में

दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटें हैं और कांग्रेस इन सभी सीटों पर मैदान में उतरी है. कांग्रेस की ओर से पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. ये वो सीट है जहां से दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल चुनाव लड़ रहे हैं. पिछले दो विधानसभा चुनाव में केजरीवाल यहां से जीत भी हासिल करते आए हैं. ऐसे में संदीप दीक्षित के सामने चुनौती कम नहीं है.

चुनाव में कांग्रेस की पूरी कोशिश है कि किसी भी तरह से दिल्ली में खोए हुए जनाधार को वापस हासिल किया जाए. इसके लिए पार्टी नेता बार-बार जनता को शीला दीक्षित सरकार की याद भी दिला रही है. राजधानी की सभी 70 सीटों पर 5 फरवरी को एक ही चरण में वोट डाले जाएंगे. नतीजे 8 फरवरी को सामने आएंगे.

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