दिल्ली में अतिक्रमण हटाने के विरोध में माकर्स पार्टी पहुंची अदालत

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ओर से शाहीनबाग, ओखला, जामिया नगर, जसोला समेत कई इलाकों में अतिक्रमण अभियान जारी है। इस बीच कम्यूनिस्ट पार्टी माकपा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। कोर्ट में माकपा की ओर से याचिका दायर कर कहा गया है कि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की ओर से की जा रही कार्रवाई अमानवीय और नियमों के खिलाफ है।

माकपा की ओर से अधिवक्ता बीजू पी रमन ने अपनी याचिका में कहा है कि, जैसा कि आरोप लगाया गया है कि वे लोग अवैध रूप से यहां रह रहे हैं, लेकिन यह गलत है। वह न तो अवैध तरीके से रह रहे हैं ओर न ही किसी प्रकार का अतिक्रमण किया गया है। उन्होंने कहा अधिकारियों ने उनके घर गिराने से पहले उन्हें नोटिस भी जारी नहीं किया है। इसलिए यह कार्रवाई पूरी तरह से असंवैधानिक है। 

13 मई तक चलेगा अभियान 
जानकारी के मुताबिक, चार मई से शुरू हुआ यह अभियान 13 मई तक चलेगा। दरअसल, दक्षिणी निगम के महापौर मुकेश सूर्यान ने बताया कि ईद के बाद अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चरण शुरू हो गया है। इस संबंध में दक्षिण और दक्षिण पूर्व जिले के पुलिस उपायुक्त को पत्र लिखकर फोर्स मांगी गई थी। बुधवार को करणी शूटिंग रेंज इलाके में अतिक्रमण के खिलाफ सामान्य रूप से अभियान चलाया गया। सड़कों पर फैले अतिक्रमण को बुलडोजर के जरिये साफ कर दिया गया। 

नामचीन शख्सियतों ने की कार्रवाई पर रोक की मांग
राजधानी के करीब 35 नामचीन शख्सियतों ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के खिलाफ दिल्ली सरकार और नगर निगमों को पत्र लिखकर तुरंत इस पर रोक लगाने की मांग की है। इनमें अर्थशास्त्री जयंती घोष, अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ की सदस्य मालिनी भट्टाचार्य, मरियम धवले, सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज और अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संघ की सदस्य कविता कृष्णन शामिल हैं।

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