National Highways for EV (NHEV), नेशनल हाईवे फॉर ईवी (एनएचईवी) ने पहली बार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशनों के एक मिनिएचर कॉन्सेप्ट मॉडल का उद्घाटन किया जो भविष्य में पारंपरिक पेट्रोल पंप (ईंधन पंप) की जगह लेगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने NHEV द्वारा तैयार किए गए इस अत्याधुनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन के मिनिएचर को पेश किया।
पेट्रोल पंप होंगे रिप्लेस!
चार्जिंग स्टेशन का एनएचईवी मिनिएचर मॉडल इंडस्ट्री में अब तक का पहला ऐसा मॉडल है, जिसकी सड़क के किनारे एक व्यापक फैसिलिटी प्लाजा के रूप में कल्पना की गई है, जो मौजूदा/पारंपरिक पेट्रोल पंपों और राजमार्गों पर सड़क किनारे मिलने वाली सुविधाओं के बारे में नए सिरे से सोचता है और उन्हें रिप्लेस कर सकता है। यह EODB (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) (ईओडीबी) की पहल के के रूप में सामने आया है। EODB पहले से ही ईवी के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएचईवी) नामक अपने पायलट प्रोजेक्ट के जरिए 5000 किमी नेशनल हाईवे को ई-हाईवे में अपग्रेड करने की कोशिश में जुटी है।
500 किमी का ट्रायल रन
यह पायलट प्रोजेक्ट इस समय 9 सितंबर 2022 से दिल्ली-जयपुर खंड पर बसों और लंबी दूरी की इलेक्ट्रिक एसयूवी के साथ तकनीकी और कमर्शियल ट्रायल के अपने अंतिम चरण में है। यह 2021 में दिल्लीआगरा के बीच पहले आयोजित 210 किमी टेक-ट्रायल रन में 278 किमी की दूरी को जोड़ देगा। जिससे इस पायलट प्रोजेक्ट में चार राज्यों यूपी, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में कुल 500 किलोमीटर का तकनीकी परीक्षण को पूरा हो जाएगा।
ईवी बस से किराया होगा कम
उद्घाटन भाषण के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “पिछले 3-4 सालों से मैं इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में बात कर रहा हूं और कई सवालों के जवाब दे रहा हूं जैसे कि अगर हम इलेक्ट्रिक वाहन में सफर कर रहे हैं और यह टूट जाते हैं तो क्या होगा? हालांकि ऐसा नहीं हुआ और धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी पर विश्वास बढ़ने के साथ ही सवालों के जवाब खुद ही मिल गए। अब इलेक्ट्रिक कारों और स्कूटरों के लिए वेटिंग पीरियड है और मैं कह सकता हूं कि इलेक्ट्रिक भविष्य का ईंधन है। वर्तमान में इलेक्ट्रिक डबल डेकर एसी बस की कीमत 60 रुपये प्रति किमी आ रही है। नॉन एसी की कीमत 39 रुपये प्रति किलोमीटर और सामान्य इलेक्ट्रिक एसी बस के लिए 41 रुपये प्रति किमी और डीजल बस की कीमत 115 प्रति किमी है। यदि आप यात्रियों को किफायती टिकट लागत पर ट्रॉली वाली इलेक्ट्रिक बस में बिजनेस क्लास की सुविधा दे सकते हैं, तो यह सार्वजनिक परिवहन को उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक सक्षम बना देगा।”
40 महीनों में लागत की वापसी
आज प्रदर्शित किए गए मिनिएचर ने भारतीय ई-मोबिलिटी क्षेत्र को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर पेट्रोल/डीजल वाहन के साथ ईवी की तुलना से आगे जाने के लिए विश्वास बढ़ाया है। इसने केंद्र-स्तर पर ‘चार्जिंग स्टेशन’ और ‘पेट्रोल पंप’ के बीच परिचालन और वित्तीय तुलना को सामने लाया है, जिससे देश भर में चार्जिंग बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) पर एक अनिवार्य प्रोत्साहन मिलता है। इसने सभी अहम इंडिकेटर्स को प्रदर्शित किया जैसे कि स्थापना में आसानी और न्यूनतम लाइसेंसिंग, फंड की जा सकने वाली वर्ल्ड-क्लास ‘रिले सर्विस’ फ्लीट मॉडल और 40 महीनों की न्यूनतम ब्रेक-ईवन अवधि के भीतर इंफ्रा और परिसंपत्तियों का उच्चतम संभव उपयोग। यानी 40 महीने में निवेश किया गया लागत वापस हो जाएगा।