अब इलेक्ट्रिक वाहन चलाना होगा और आसान, राष्ट्रपति ने लॅान्च किया ईवी यात्रा पोर्टल

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (BEE) द्वारा विकसित EV-Yatra Portal (ईवी-यात्रा पोर्टल) को लॉन्च किया। यह प्लेटफॉर्म ईवी यूजर्स को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को चार्ज करने के लिए नजदीकी ईवी चार्जर तक पहुंचाने में मदद करेगा।

ईवी-यात्रा पोर्टल की लॉन्चिंग बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस समारोह के दौरान की गई। राष्ट्रपति सचिवालय ने बताया कि राष्ट्रपति मुर्मू ने बुधवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार, राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवाचार पुरस्कार और राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता पुरस्कार भी प्रदान किए। 

क्या होंगे फायदे
ईवी-यात्रा एप के जरिए चार्ज पॉइंट ऑपरेटरों (सीपीओ) इस प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण और राष्ट्रीय ऑनलाइन डेटाबेस पर डिटेल्स लॉग कर सकते हैं। यह अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रिक वाहन यूजर्स को अपने आसपास के क्षेत्र में सार्वजनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन आसानी से खोजने में मदद करेगा। यह एप ईवी चार्जिंग स्टेशन पर लगे चार्जर के टाइप, चार्जिंग स्लॉट की उपलब्धता, ईवी को चार्ज करने के लिए टैरिफ, सर्विस जैसे कई डिटेल्स की जानकारी देने में सक्षम होगा।

यूजर्स ईवी-यात्रा एप का इस्तेमाल करके चार्जिंग स्लॉट को प्री-बुक भी कर सकते हैं। यह गूगल प्लेस्टोर और एपल स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है और ज्यादातर स्मार्टफोन को सपोर्ट करता है। ईवी यात्रा एप इस समय अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में उपलब्ध है।

स्वच्छ हवा है जरूरी
राष्ट्रपति ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “यह सुनिश्चित करना हम सभी के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है कि आने वाली पीढ़ियां प्रदूषण मुक्त वातावरण में सांस लें, अच्छी तरह से प्रगति करें और स्वस्थ जीवन जीएं। स्वच्छ हवा में सांस लेना एक बुनियादी मानव अधिकार है। पर्यावरण की  रक्षा करके हम कई मानवाधिकारों की रक्षा कर सकते हैं।” 

राष्ट्रपति ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों का सामना करते हुए ऊर्जा संरक्षण एक वैश्विक और राष्ट्रीय प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा, “हालांकि भारत का प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन विश्व औसत के एक तिहाई से भी कम है, लेकिन एक जिम्मेदार देश के रूप में भारत पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।”

‘लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’
राष्ट्रपति ने कहा कि COP-26 (सीओपी-26) में भारत ने ‘लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ यानी लाइफस्टाइल का संदेश दिया था, जिसमें विश्व समुदाय से इको-फ्रेंडली लाइफस्टाइल अपनाने का आग्रह किया था।

उन्होंने कहा, “भारतीय संस्कृति और परंपरा में, हमारी जीवनशैली हमेशा लाइफ के संदेश के अनुरूप रही है। प्रकृति का सम्मान करना, प्राकृतिक संसाधनों को बर्बाद न करना और प्राकृतिक संपदा को बढ़ाने के उपाय करना ऐसी जीवन शैली का अभिन्न अंग है। भारत आगे बढ़ने के लिए प्रयास कर रहा है। पूरा विश्व समुदाय इस तरह की जीवन शैली को अपनाने की दिशा में है।”  

जी-20 में भारत की अध्यक्षता का जिक्र करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा, “जी-20 देश विश्व की कुल जीडीपी में 85 प्रतिशत और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में 75 प्रतिशत का योगदान करते हैं। इसके अलावा, विश्व की 60 प्रतिशत जनसंख्या भी जी-20 देशों में निवास करती है। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी अध्यक्षता के दौरान ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के आदर्श के अनुरूप ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की थीम को अपनाया है और हम इसका विश्व पटल पर प्रचार-प्रसार भी कर रहे हैं।’

राष्ट्रपति ने किया महादेवी वर्मा की कविता का जिक्र
राष्ट्रपति मुर्मू ने जैव विविधता सहित प्रकृति के संरक्षण की जरूरत पर जोर देने के लिए हिंदी की महान कवयित्री महादेवी वर्मा की एक मार्मिक कविता का भी उल्लेख किया।

बयान में बताया गया, “राष्ट्रपति ने सभी पुरस्कार विजेताओं, विशेष रूप से बच्चों की सराहना की। उन्होंने राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवाचार पुरस्कारों के विजेताओं की उनकी नवीन सोच और कार्यप्रणाली के लिए भी सराहना की। उन्होंने कहा कि उनके नवाचारों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग प्रेरित हो सकें और पर्यावरण संरक्षण के लिए नए तरीके विकसित करें। उन्होंने सभी से संकल्प लेने का आग्रह किया कि हम जो भी करेंगे वह हमेशा प्रकृति के पक्ष में होगा, प्रकृति के खिलाफ कभी नहीं। उन्होंने कहा कि मानव कल्याण प्रकृति और विकास के बीच संतुलन बनाए रखने में निहित है।”

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