कोरोना की दूसरी लहर (Corona Second Wave) के दौरान देश में संक्रमण के मामलों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ रही है कि देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी साफ देखी जा रही है, जिसका फायदा उठाते हुए कई जगहों के प्राइवेट अस्पताल मरीजों से मनमाफिक दाम वसूल रहे हैं. इसे लेकर आज दिल्ली सरकार ने सख्ती दिखाई है. राष्ट्रीय राजधानी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा दिल्ली सरकार की तरफ से प्राइवेट एंबुलेंस सेवाओं के लिए अधिकतम कीमतें तय की गई हैं, जिसका उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, “हमें पता चला है कि दिल्ली में प्राइवेट एंबुलेंस सेवाएं गैर-कानूनी तरीके से मरीजों से मनमाफिक दाम वसूल रहे हैं. इस समस्या से बचने के लिए दिल्ली सरकार ने अधिकतम कीमतें तय की हैं जिन पर प्राइवेट एंबुलेंस सेवाएं ली जा सकती हैं और अगर इस आदेश का उल्लंघन किया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें एंबुलेंस ड्राइवर का ड्राइविंग लाइसेंस रद्द होना या एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन रद्द होना भी शामिल है.”
दिल्ली सरकार के जारी रिलीज के मुताबिक़, दिल्ली में CATS फ्री टोल नंबर 102 के जरिए 24 घंटे मुफ्त एंबुलेंस सेवा देता है, लेकिन इसके बाद भी यह पता चला है कि इस कोरोना महामारी के दौरान भी प्राइवेट एंबुलेंस सेवाएं देने वाले मरीजों से मनमाफिक दाम वसूल रहे हैं, जोकि गंभीर चिंता का विषय है. इस समस्या को दूर करने के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से यह फैसला किया गया है कि मरीजों के लिए प्राइवेट PTA (पेशेंट ट्रांसपोर्ट एंबुलेंस) BLS (बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस) और ALS (एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस) के लिए अधिकतम रेट तय किए गए हैं.
एंबुलेंस का प्रकार | अधिकतम रुपये (ऑक्सीजन, एंबुलेंस संबंधित सभी उपकरण, PPE किट, ग्लव्स, शील्ड, मास्क, सैनिटाइजेशन, ड्राइवर, EMT आदि मिलाकर) |
PTA (सिर्फ मरीज को लेकर जाने वाली एंबुलेंस) | 10 किलोमीटर तक के लिए 1500 रुपए और इससे ज्यादा के लिए 100 रुपए प्रति किलोमीटर अधिक |
BLS (बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस) | 10 किलोमीटर तक के लिए 2000 रुपए और 10 से ऊपर के लिए प्रति किलोमीटर पर 100 रुपए अधिक |
ALS (अडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस), डॉक्टर के चार्ज सहित | 10 किलोमीटर तक के लिए 4000 रुपए और इससे ज्यादा के लिए 100 रुपए अधिक/प्रति किलोमीटर |
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश में संक्रमण के मामलों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ रही है कि देश का पूरा हेल्थ सिस्टम ही चरमरा गया है. कोरोना मरीजों के परिजन ऑक्सीजन हो या वेंटिलेटर, बेड्स हों या जरूरी दवाएं, सभी के लिए इधर-उधर भागते हुए नजर आ रहे हैं. आज देशभर में ज्यादातर लोग मेडिकल सुविधाओं और डॉक्टर्स न मिलने की समस्या का सामना कर रहे हैं, जिसका फायदा कुछ प्राइवेट अस्पताल खूब उठा रहे हैं.