नयी दिल्ली। ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने नफरत भरे संदेश फैलाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। इस संबंध में असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा कि पुलिस बताए कि मैंने क्या गलती की है।
FIR से नहीं होंगे भयभीत
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी मुझे एफआईआर का एक अंश मिला है। यह पहली प्राथमिकी है जो मैंने देखी है, जो यह स्पष्ट नहीं कर रही है कि अपराध क्या है … हम इससे भयभीत नहीं होंगे। अभद्र भाषा की आलोचना करने और अभद्र भाषा देने की तुलना नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली पुलिस में यति, नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के खिलाफ मामलों को आगे बढ़ाने का साहस नहीं है। यही वजह है कि मामले में देरी और कमजोर प्रतिक्रिया जारी है। वास्तव में यति ने मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार को बढ़ावा देने और इस्लाम का अपमान करके अपनी जमानत की शर्तों का बार-बार उल्लंघन किया है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस शायद हिंदुत्ववादी कट्टरपंथियों को ठेस पहुंचाए बिना इन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का तरीका सोचने की कोशिश कर रही थी। दिल्ली पुलिस दोनों पक्षवाद या संतुलन-वाद सिंड्रोम से पीड़ित है। एक पक्ष ने खुले तौर पर हमारे पैगंबर का अपमान किया है, जबकि दूसरे पक्ष का नाम भाजपा समर्थकों को समझाने और ऐसा दिखाने के लिए दिया गया है कि दोनों पक्षों में अभद्र भाषा थी।
32 लोगों के खिलाफ FIR
दिल्ली पुलिस ने भाजपा से निष्कासित नुपुर शर्मा, नवीन जिंदल समेत 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी लेकिन फिर और भी लोगों को नामजद किया। जिसके बाद एफआईआर में कुल 32 लोगों के नाम शामिल है। दरअसल, दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन (आईएफएसओ) यूनिट ने एफआईआर दर्ज की है। जिसमें एफआईआर में असदुद्दीन ओवैसी और महंत यति नरसिंहानंद का नाम दर्ज एफआईआर में नामजद किया गया है।
आपको बता दें कि इन तमाम लोगों पर नफरत भरे संदेश के माध्यम से माहौल खराब करने का आरोप है। इनकी वजह से सार्वजनिक शांति बनाए रखने में मुश्किल हो रही थी।