पैकर्स एंड मूवर्स ने नहीं भेजा 2 महीने तक सामान, अब मांग रहे 4 लाख की फिरौती

ग्रेनो वेस्ट निवासी चार्टर्ड अकाउंटेंट ने पैकर्स एंड मूवर्स से घर का सारा सामन बोकारो भेजा। कंपनी ने सात मई को सामान पहुंचाने का वादा किया था। दो माह बीत जाने के बाद उनका सामान बोकारो नहीं पहुंचा। आरोपी सामान पहुंचाने के एवज में चार लाख रुपये की फिरौती मांग रहे हैं। सीए की शिकायत बिसरख कोतवाली में नंदनगरी दिल्ली निवासी आनंदी, गाजियाबाद के संदीप कुमार, दीपक, भावेश मिश्रा, राकेश झा, जस्ट डायल के कर्मचारी, विमल, विनय और जनता पैकर्स एंड मूवर्स आईटी एक्ट के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है।  

ईकोविलेज-3 सोसाइटी में रहने वाले सीए अविनाश कुमार और उनके दोस्त ने जस्ट डायल से नंबर लेकर पैकर्स एंड मूवर्स को कॉल की थी। उन्होंने ग्रेनो वेस्ट से झारखंड के बोकारो शिफ्ट करना था। जनता पैकर्स एंड मूवर्स कंपनी से संपर्क करने पर विमल व राकेश नाम के आरोपियों ने उनसे बात की। सामान पहुंचाने की बात 20 हजार रुपये में तय हुई। इसमें 15 हजार रुपये नकद दिया गया और पांच हजार डिलीवरी के समय देने की बात हुई।

सामान पैक कर 30 अप्रैल को झारखंड के लिए रवाना कर दिया गया। लेकिन दो माह बाद भी घर का सारा सामान, कार, स्कूटर, लैपटॉप अब तक बोकारो नहीं पहुंचा। आरोपी सामान पहुंचाने की एवज में ब्लैकमेल करने लगे। उन्होंने पांच मई को सात हजार व आठ मई को पांच हजार रुपये आरोपियों के खाते में ऑनलाइन हस्तांतरित किया। इसके बाद आरोपी अब चार लाख रुपये की फिरौती मांग रहे हैं। पीड़ित की शिकायत पर बिसरख कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 

एनआईए के लिए काम कर चुके हैं सीए

अविनाश ने बताया कि पहले वह एनटीपीसी और नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) के लिए काम कर चुके हैं। दोनों संस्थाओं के साथ कार्य करने के दौरान उन्होंने करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े का खुलासा किया था। इनमें से कई मामले सर्वोच्च न्यायालय में लंबित चल रहे हैं। इन केसों से जुड़े दस्तावेज भी उसके सामान में मौजूद हैं। 

फर्जी वेबसाइट से बनाया निशाना, तीन राज्यों में शिकायत 

पीड़ित ने आरोपियों की वेबसाइट के संबंध में मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर की वेबसाइट पर संपर्क किया गया तो पता चला कि वहां इस नाम की कोई वेबसाइट पंजीकृत नहीं है। पीड़ित ने इस मामले में झारखंड, दिल्ली व यूपी पुलिस से संपर्क कर रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की। लेकिन अब जाकर बिसरख कोतवाली पुलिस ने मामूली धारा में केस दर्ज किया है।

पिता की जान जाने पर छोड़ा शहर

कोरोना संक्रमण की वजह से अविनाश के पिता की मृत्यु हो गई थी। इसी वजह से उन्होंने ग्रेनो से और बोकारो शिफ्ट होने का फैसला लिया था। घर का सारा सामान, वाहन व जरूरी दस्तावेज आरोपियों के कब्जे में होने से उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

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