दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कथित सदस्यों के खिलाफ दर्ज एफआईआऱ की कॉपी की मांग वाली याचिका पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जवाब मांगा है। हाल ही में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) के तहत केंद्र द्वारा प्रतिबंधित किया गया है। जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने एक मोहम्मद युसूफ द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसे एजेंसी द्वारा किए गए छापे में गिरफ्तार किया गया था।
आज सुनवाई के दौरान युसूफ की ओर से पेश हुए वकील अदित एस पुजारी ने तर्क दिया कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने कहा था कि आरोपी व्यक्तियों को उनकी रिमांड की अवधि समाप्त होने पर प्राथमिकी की प्रति और गिरफ्तारी और जब्ती मेमो जैसे अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। दूसरी ओर, एनआईए की ओर से पेश वकील ने इस आधार पर याचिका की स्थिरता पर प्रारंभिक आपत्ति जताई कि निचली अदालत का आदेश एक अंतर्वर्ती आदेश था। हालांकि, डिप्टी सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) की अनुपलब्धता के कारण एक संक्षिप्त स्थगन की मांग की गई थी।