सुप्रीम कोर्ट की ओर से रेयान स्कूल मर्डर केस के आरोपी किशोर को अंतरिम जमानत दे दी गई है। कोर्ट ने इस मामले में गुरुवार को सुनवाई करते हुए कहा कि आरोपी किशोर अब वयस्क हो चुका है। उसे पिछले पांच सालों से हिरासत में रखा गया था। 2017 में आरोपी को हिरासत में लिया गया था जिस समय वह 16 साल का था।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, “हमने काउंसलों को विस्तार से सुना है। गुरुग्राम के जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने यह आकलन किया है कि उसे एक वयस्क के रूप में पेश करने की जरूरत है, ऐसे में धारा-12 को जारी रखने पर विचार नहीं किया जा सकता है। इसलिए अगर जरूरत हो तो उसे नियमित जमानत दी जाए। हम इस मामले में कुछ राहत देने के इच्छुक हैं।”
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अगले आदेश तक आरोपी को अंतरिम जमानत दे दी है। कोर्ट की तरफ से कहा गया कि याचिकाकर्ता को विशेष नियमों और शर्तों पर जमानत पर रिहा किया जाए। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता प्रोबेशन अफसर या सत्र न्यायाधीश द्वारा नियुक्त किसी अधिकारी की देखरेख में रहेगा। वह इस मामले से जुड़े किसी भी गवाह से संपर्क करने की कोई कोशिश नहीं कर सकता है।
8 सितंबर, 2017 में गुरुग्राम में स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल के शौचालय में एक दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर का शव मिला था। आरोपी ने मासूम छात्र की गला रेत कर कर दी थी। इस हत्याकांड में पुलिस का सबसे पहला शक स्कूल बस के कंडक्टर पर हुआ था। लेकिन बाद में मामला सीबीआई की पास पहुंचा तो असली आरोपी का पता चला। पुलिस के पूछताछ के दौरान पता चला कि आरोपी ने मासूम की हत्या मात्र इसलिए की थी ताकि स्कूल में होने वाले अभिभावक-शिक्षक मीटिंग को टाल दिया जा सके।
हालांकि, इस मामले में आरोपी के पिता का कहना था कि पुलिस ने उस मानसिक रूप से प्रताड़ित कर के जबरन गुनाह कबूल करवाया है। इसके बाद कोर्ट ने आरोपी की मेडिकल जांच करवाई जिसमें पाया गया कि आरोपी किसी भी तरह का गुनाह करने की पूरी क्षमता रखता है।