देशद्रोह के आरोपी उमर खालिद को बिना हथकड़ी के अदालत में लाया जाये- मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट

अदालत ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय देशद्रोह मामले में आरोपी उमर खालिद को सुनवाई के दौरान बेड़ियों या हथकड़ी के साथ पेश नहीं करने का निर्देश दिया है। 

पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने सोमवार को दिए आदेश में कहा कि कोविड-19 के कारण मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए खालिद को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश किया जाए। जब कोविड प्रतिबंध खत्म हो जाए तो खालिद को नियमित तरीके से हथकड़ी या बेड़ियों का उपयोग किए बिना अदालत में पेश किया जाए।

अदालत ने यह निर्देश खालिद के वकील त्रिदीप की पेश की याचिका पर दिया है। यह दूसरी बार है जब किसी अदालत ने यह कहते हुए आदेश जारी किया है कि खालिद को हथकड़ी के साथ अदालत में लाने की जरूरत नहीं है। 

अप्रैल में दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद और खालिद सैफी को हथकड़ी में लाने के लिए एक याचिका दायर की थी। पुलिस ने दावा किया था कि वे उच्च जोखिम वाले कैदी थे।

कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने जून में इस याचिका को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा गया था कि दोनों को न तो पहले से कोई दोषी पाया गया और न ही गैंगस्टर है।

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