लखीमपुर खीरी मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के रुख और रवैए पर सप्रीम कोर्ट सख्त. कोर्ट ने कहा हत्या के आरोप गंभीर हैं. आरोपी चाहे जितने हैं उन पर वैसा ऐक्शन क्यूं नहीं लिया गया जैसा होना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि क्या राज्य सरकार CBI को जांच देने के लिए विचार कर रही है? सप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि लोकल अधिकारी निष्पक्ष जांच कैसे करेंगे?
लखीमपुर मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के रुख और रवैए पर सप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है. कोर्ट ने कहा कि हत्या के गंभीर आरोप हैं. आरोपी चाहे जितने हैं उन पर वैसा एक्शन क्यूं नहीं लिया गया जैसा होना चाहिए. CBI जांच की मांग क्यों नहीं की गई है? इस मामले में लोकल अधिकारी कैसे निष्पक्ष जांच करेंगे? सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान CJI ने कहा कि मिस्टर साल्वे हम कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं. राज्य कदम उठा रहा है और सीबीआई इस मामले में हल नहीं है. हम दशहरे की छुट्टियों के बाद मामले पर सुनवाई करेंगे, लेकिन आप हाथ पर हाथ रखकर मत बैठिएगा.
यूपी सरकार ने मांगा वक्त
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बर्बरता से 8 लोगों की हत्या का मामला है. क्या सीबीआई जांच पर विचार किया गया है? यूपी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि राज्य कि तरफ से कोई मांग नहीं की गई है. साल्वे ने कहा कि राज्य सरकार को थोड़ा वक्त दें, 18 अक्टूबर को सुनवाई करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले में गंभीर आरोप लगे हैं. जिस तरीके से आप दूसरे लोगो को ट्रीट करते है वैसे ही इस मामले में भी ट्रीट किया जाए. सीजेआई ने कहा कि इस मामले में यह देखने कि जरूरत है कि क्या संदेश जनता में जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट मामले में 23 अक्टूबर को सुनवाई करेगा.
मामले की जांच जारी
वहीं उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि पोस्टमार्टम में कोई गोली बॉडी से नहीं मिली है. साल्वे ने कहा कि पुलिस ने मामला दर्ज किया है और हमारे पास सबूत हैं. हरीश साल्वे ने कहा, जिस व्यक्ति पर आरोप लग रहा है हमने उसको नोटिस जारी किया है. अगर वो पेश नही होता है तो सख्त कदम उठाया जाएगा. साल्वे ने कहा कि अगर वह पेश नहीं होता तो हम वारंट जारी करेंगे. साल्वे ने कहा कि पोस्टमार्टम में गोली के निशान नहीं मिले है इसलिए हमने 166 के तहत नोटिस जारी किया है. हरीश साल्वे ने कहा कि शीर्ष अधिकारियों ने इस मामले में निर्देश जारी किए हैं और जांच जारी है.