दिल्ली विधानसभा में बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रोजगार को लेकर विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के बाद पहली बार रोजगार को केंद्र में रखकर दिल्ली का बजट बनाया गया है।

सीएम केजरीवाल ने कहा कि रोजगार एक ऐसा मुद्दा है जिस पर सिर्फ चुनाव प्रचार के दौरान ही चर्चा होती है, उसके बाद कोई भी इस मुद्दे पर बात नहीं करता है। उन्होंने कहा कि कुछ सरकारों ने भीख विरोधी अधिनियम को पारित किया है। क्योंकि, उनमें मानवता की कमी थी। इस बजट में हमने ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगने और नाचने वाले बच्चों के लिए 10 करोड़ रुपये के बोर्डिंग स्कूल बनाने का फैसला किया है। जहां उनकी सभी जरूरतों का ध्यान रखा जाएगा।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने मोहल्ला क्लीनिक की फाइलों को लटकाए रखा, फिर उन्होंने सीसीटीवी पर फाइलों को प्रतिबंधित कर दिया। किसी तरह हमने उन्हें पास कर दिया। पिछले 25 वर्षों से सरकारें काम में देरी और बाधा डालने के लिए थीं। पहली बार ऐसी सरकार है जो लोगों के लिए काम करने में विश्वास रखती है।
सदन में भाजपा नेताओं पर बोला चौतरफा हमला
इससे पहले विधानसभा में अरविंद केजरीवाल ने डॉ. भीमराव आंबेडकर, द कश्मीर फाइल्स फिल्म, नगर निगम के चुनाव टालने आदि मुद्दे उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेताओं पर चौतरफा हमला बोला था। केजरीवाल ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में डॉ. भीमराव आंबेडकर और शहीद भगत सिंह की तस्वीर लगाने के दिल्ली सरकार के निर्णय से भाजपा एवं कांग्रेस के नेता परेशान हैं। भाजपा तो बाबा साहब से नफरत करती है। बाबा साहब ने संविधान में चुनाव कराने का प्रावधान किया था और भाजपा चुनाव कराने के खिलाफ है। इस कड़ी में प्रधानमंत्री ने नगर निगम के चुनाव टलवाए।
दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी सबसे छोटी पार्टी से डरती है
उन्होंने दावा किया कि ऐसा दुनिया में कहीं भी नहीं होता कि एक प्रधानमंत्री सीधे चुनाव आयोग को फोन करके और एक पत्र भेजकर चुनाव टलवाने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा की चल जाए तो वह हार के डर से विभिन्न बहाने बनाकर देश एवं राज्यों के भी चुनाव कराने बंद कर दे, जबकि भाजपाई अपनी पार्टी को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बताते हैं। आम आदमी पार्टी तो दुनिया की सबसे छोटी पार्टी है। इसके बावजूद दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी एक छोटी पार्टी से डरकर भाग गई। उन्होंने भाजपाइयों को कायर कहते हुए चुनौती दी कि हिम्मत है तो चुनाव लड़ के दिखाओ।