दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पार, गृहमंत्री शाह ने एलजी से की बात

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज रविवार को दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से बात की है।

हिमाचल प्रदेश में मूसलधार वर्षा और हथनी कुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में यमुना एक बार फिर उफान पर है। इस वजह से रविवार को यमुना का जलस्तर न सिर्फ खतरे के निशान (205.33 मीटर) से ऊपर बल्कि 206 मीटर के पार पहुंच गया है।

ओल्ड रेलवे ब्रिज के पास सुबह दस बजे यमुना का जलस्तर 206.01 मीटर दर्ज किया गया। जबकि शनिवार शाम सात बजे यमुना का जलस्तर 205.09 मीटर था। लिहाजा, 15 घंटे में यमुना का जलस्तर करीब एक मीटर बढ़ गया है। हथनी कुंड बैराज से सुबह पांच बजे तक हर घंटे डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया।

इसके बाद सुबह छह बजे से सुबह नौ बजे के बीच एक लाख 47 हजार 269 क्यूसेक से सवा लाख क्यूसेक तक पानी छोड़ा गया है। जबकि शनिवार को हथनी कुंड बैराज से दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी यमुना में दिल्ली की तरफ छोटा गया था। इस वजह से दिल्ली में यमुना का जलस्तर अभी और बढ़ने की आंशका है। इस वजह से दोबारा बाढ़ का खतरा बना हुआ है।

15 जुलाई के बाद 206 मीटर से नीचे बना हुआ था यमुना का जलस्तर

इस वजह से दिल्ली सभी एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। उल्लेखनीय है कि यमुना में बाढ़ खत्म होने पर 15 जुलाई के बाद यमुना का जलस्तर 206 मीटर से नीचे बना हुआ था। एक सप्ताह बाद दोबारा जलस्तर 206 मीटर से अधिक हो गया है। इस वजह से यमुना के निचले इलाकों में पानी घुसने की आशंका बढ गई है।

समस्या यह है कि आइटीओ बैराज के तीन गेट दस दिन बाद भी नहीं खोले जा सके हैं। आइटीओ बैराज के बंद पांच गेटों को खोलने के लिए 13 जुलाई को प्रयास शुरू किया गया था लेकिन दो गेट खोलने में ही सफलता मिली है। हरियाणा के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग, आर्मी और नौसेना की टीम अन्य तीन गेट को भी खोलने के प्रयास में जुटी हुई है।

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