हरियाणा:बावल आईएमटी सेक्टर-5 में नहर के पास मिली बच्ची

  • 24 घंटे की नवजात को चादर में लपेट फुटपाथ पर छोड़ा गर्भनाल पर क्लैंप लगी, यानी डिलीवरी अस्पताल में हुई
  • रेवाड़ी सिविल अस्पताल से पीजीआई भेजा, बच्ची स्वस्थ

रविवार को बावल औद्योगिक सेक्टर-5 में फुटपाथ पर एक नवजात बच्ची मिली। डॉक्टरों के अनुसार बच्ची 24 से 48 घंटे पहले ही जन्मी है। महत्वपूर्ण बात ये है कि नवजात की गर्भनाल काटने के बाद उस पर क्लैंप भी लगाई हुई है, जिससे पूरी संभावना है कि बच्ची का जन्म किसी अस्पताल में ही हुआ है। बच्ची को जन्म देने के बाद उसे अपनाने की बजाय लावारिस हालत में छोड़ दिया गया। वहां से गुजर रहे कंपनी कर्मियों ने कसौला थाना पुलिस को सूचना देकर बुलाया। बच्ची को थाने के बाद अस्पताल पहुंचाया। यहां बच्ची स्वस्थ नजर आ रही थी, जिसे सामान्य अस्पताल से इलाज के लिए पीजीआई रोहतक रेफर किया गया है। पुलिस ने एक कंपनी कर्मचारी की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

मुकदमा अज्ञात पर
जांच अधिकारी एएसआई बलवान सिंह का कहना है कि ऐसे मामलों में अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाती है। जो कि पैदाइश छिपाने के लिए ऐसा करने का अंदेशा है। इस मामले में अभी मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आसपास के अस्पतालों में पूछताछ करने के साथ ही सीसीटीवी फुटेज की भी जांच करेंगे।

नवजात को पाल नहीं सकें तो आस्था कुंज के ‘पालना’ में छोड़कर जाएं
नवजात बच्चों को किस्मत के सहारे सड़कों पर लावारिश छोड़ने की बजाय उन्हें कम से कम दूसरे सुरक्षित हाथों में जिंदगी जीने का अवसर दे सकते हैं। विशिष्ट दत्तक एजेंसी के तहत संचालित शहर के सरकुलर रोड स्थित आस्था कुंज (बालगृह) में पालना केंद्र की शुरूआत हो चुकी है।यह बाल गृह के मुख्य द्वार पर बनाया गया है। यह अडोप्शन एजेंसी छोटे बच्चों (शिशुओं) को गोद देने का कार्य करती है। इस पालना केंद्र का मुख्य उद्देश्य यह है कि नवजात लावारिश बच्चों को छोड़ने के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान करना और बच्चों कि समुचित देखरेख करना है। जो नवजात को पाल नहीं सकते वो इसमें बिना पहचान बताए छोड़ सकते हैं। यहां से बच्चों को बाद में गोद देने की प्रक्रिया शुरू होती है। विभिन्न जिलों के साथ ही रेवाड़ी में करीब दो माह पहले ही पालना केंद्र शुरू किया गया है।

जिनकी गोद में बच्ची फुटपाथ से अस्पताल पहुंची, चिंता और बेचैनी में बीते 20 मिनट

मैं बावल औद्योगिक क्षेत्र की एक कंपनी में काम करता हूं। मैं और मेरा साथी मोहित(गुढ़ा, महेंद्रगढ़) नाइट ड्यूटी कर करीब 6.45 बजे कंपनी की बस से घर के लिए निकले थे। हाईवे पर नहर के पास रोड के फुटपाथ के आसपास कुछ लोग खड़े हुए थे। चालक ने भीड़ देखकर बस रोक ली। मैं नीचे उतरा तो फुटपाथ पर बिछे एक कपड़े के थैले पर लेटी नवजात बच्ची नजर आई। तन पर एक फटी से चादर लिपटी थी। बच्ची ने हाथ-पैर हिलाए तो मैं तुरंत भांप गया कि बच्ची की सांसें चल रही है, मगर वह रो नहीं रही थी। मैने उसे तुरंत गोद में उठा लिया तो उसने रोना शुरू किया। लेकिन उसका रोना हमारे लिया सुकून देने वाला इसलिए रहा कि बच्ची अभी स्वस्थ है और देखभाल मिले तो वो दुनिया देख पाएगी। वहां मौजूद लोगों ने पुलिस को फोन कर दिया था। 10 मिनट बाद ही एसआई बलवान सिंह पहुंच गए। वहां से हम बच्ची को थाने ले गए। जरूरी सूचना पुलिस में दर्ज कराकर 5 मिनट बाद ही बच्ची को बावल सीएचसी ले गए। मन बार-बार करता रहा कि दूध का इंतजाम कर उसे पिलाएं, मगर नवजात को बगैर डॉक्टरी सलाह के दूध भी पिलाना ठीक नहीं समझा। अपनी गोद से डॉक्टर की गोद में बच्ची को थमा दिया तो लगा कि आज की ड्यूटी अब पूरी हुई है। हमारा वो करीब 20 मिनट का समय पूरी चिंता औ बेचैनी में बीता। उसके बाद बच्ची का कहां इलाज चल रहा है, हमें पता नहीं लग पाया।- जैसा मुकेश लोधा हिसार ने भास्कर को बताया।

त्यागने से पहले मां ने एक बार दुलारा तो था! अब सुरक्षित हाथों में

नवजात को रेवाड़ी सिविल अस्पताल के एसएनसीयू में लाया गया। यहां उसे संभालने के लिए केयर यूनिट के डॉक्टरों के अलावा चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की चेयरपर्सन कुसुमलता, सदस्य उषा, डीसीपीओ दीपिका भी पहुंची। चेयरपर्सन ने बताया कि उन्होंने डॉक्टरों से बात कर पूरी स्थिति जानी। बच्ची 24 से 48 घंटे पहले ही जन्मी है। गर्भनाल पर क्लैंप है तथा उसे नहलाया भी गया था। चूंकी बच्ची सुबह तक जिंदा है तथा उसे किसी जानवर ने भी नुकसान नहीं पहुंचाया था। इससे यही संभावना है कि बच्ची को अलसुबह ही छोड़ा गया है। बच्ची रो नहीं रही थी और स्वस्थ दिख रही थी तो संभवत: एक बार तो मां का दूध या कुछ बूंदे पानी पिलाई गईं हों। यानी रात को बच्ची सुरक्षित हाथों में थी, मगर सुबह उसे लावारिस हालत में छोड़ा गया। गनीमत है कि बच्ची को समय रहते कंपनी कर्मचारी ने देख लिया वह बिना समय गंवाए ही अस्पताल पहुंचा दिया। पीजीआई में उपचाराधीन बच्ची का स्वास्थ्य जानने के लिए सीडब्ल्यूसी और जिले के चिकित्सक लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। सूचना मिली है कि बच्ची पूर्णत : स्वस्थय है।

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